शिव आमंत्रण, मॉस्को (रुस)। ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र पर परमात्म रक्षासूत्र कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें बहनों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में रूस में भारत के राजदूत पवन कपूर, धर्मपत्नी आराधना शर्मा के साथ पहुंचे। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ काउंसलर प्रथम सचिव दीपक गौरी, द्वितीय सचिव फुरपा त्सेरिंग मौजूद रहे।
कार्यक्रम में राजदूत पवन कपूर ने कहा कि रूस में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा लोगों को अध्यात्म का संदेश दिया जा रहा है जो
सराहनीय है। संस्थान द्वारा मानव कल्याण के लिए सेवाएं की जा रही हैं। रूस और पड़ोसी देशों में ब्रह्माकुमारीज़ की निदेशिका बीके चक्रधारी दीदी ने समय की पुकार – विश्व की शुद्धि” विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिकता भारतीय संस्कृति का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। ब्रह्माकुमारीज़ विश्वविद्यालय पारंपरिक भारतीय त्योहारों के गहरे महत्व और देवी-देवताओं के अर्थ को समझाता है। विश्वविद्यालय का एक उद्देश्य है व्यक्ति का चरित्र निर्माण, नर से श्रीनारायण, नारी से श्रीलक्ष्मी के समान बनना।
मयक मीरा को छोड़ने से पहले राजदूत कपूर ने अपनी भावनाएं ओपिनियन बुक में लिखीं। उन्होंने लिखा कि रक्षाबंधन पर आज इस केंद्र का दौरा करना बहुत सम्मान और खुशी की बात थी। मैं यह देखकर बेहद प्रभावित हुआ कि ब्रह्माकुमारीज़ इस केंद्र को कैसे चला रही हैं। सुधा दीदी और चक्रधारी दीदी से मिलकर विशेष रूप से सम्मानित महसूस किया। हम, भारतीय दूतावास में, हर संभव तरीके से केंद्र के प्रयासों का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं।
राजयोग मेडिटेशन से कराई शांति की गहन अनुभूति-
मॉस्को सेवाकेंद्रों की निदेशिका बीके सुधा दीदी ने राजयोग मेडिटेशन के बारे में बताते हुए कहा कि इससे माइंड की पावर बढ़ जाती है। साथ ही सभी को राजयोग अभ्यास के माध्यम से गहन शांति की अनुभूति कराई। सबसे पहले मेहमानों को रूसी परंपरा के अनुसार पारंपरिक ब्रेड (करवई) पेश की गई। स्वागत गीत-संगीत और फूलों से किया गया। वेलकम… वेलकम… वेलकम… हम लंबे समय से आपका इंतजार कर रहे हैं.. ने सभी को भावविभोर कर दिया।