सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
परमात्मा की छत्रछाया में रहें तोे सदा हल्के रहेंगे: बीके बृजमोहन भाई ईशु दादी का जीवन समर्पण भाव और ईमानदारी की मिसाल था ब्रह्माकुमारीज़ जैसा समर्पण भाव दुनिया में आ जाए तो स्वर्ग बन जाए: मुख्यमंत्री दिव्यांग बच्चों को सिखाई राजयोग मेडिटेशन की विधि आप सभी परमात्मा के घर में सेवा साथी हैं थॉट लैब से कर रहे सकारात्मक संकल्पों का सृजन नकारात्मक विचारों से मन की सुरक्षा करना बहुत जरूरी: बीके सुदेश दीदी
मीडिकल विंग की ओर से स्तन कैंसर की जांच और लक्षण, बचाव को लेकर एक दिवसीय वर्कशॉप आयोजित - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
मीडिकल विंग की ओर से स्तन कैंसर की जांच और लक्षण, बचाव को लेकर एक दिवसीय वर्कशॉप आयोजित

मीडिकल विंग की ओर से स्तन कैंसर की जांच और लक्षण, बचाव को लेकर एक दिवसीय वर्कशॉप आयोजित

मुख्य समाचार

संतुलित आहार, सही दिनचर्या और मेडिटेशन से स्तन कैंसर से बच सकते हैं: डॉ. सौम्या चिप्पागिरी

शिव आमंत्रण /आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मीडिकल विंग की ओर से शांतिवन के ट्रेनिंग सेंटर में स्तन कैंसर की जांच, लक्षण और बचाव को लेकर एक दिवसीय वर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल से आई डॉक्टर्स की टीम ने संस्थान के डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ और आबू रोड शहर के नर्सिंग स्टाफ के लिए जरूरी सुझाव और सावधानियां बताईं।
वर्कशॉप में वाटुमुल ट्रस्ट मुंबई के मैनेजिंग ट्रस्टी, वरिष्ठ कैंसर सर्जन और सलाहकार डॉ. अशोक मेहता ने कहा कि महिलाओं के लिए स्तन कैंसर एक बड़ी समस्या है। स्तन कैंसर के मामले देर से पता लगने के कारण मृत्यु दर बढ़ रही है। जीन में म्यूटेशन की वजह से स्तन के कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि होती है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार स्तन कैंसर के मामलों महिलाओं में कैंसर का सबसे साधारण रूप है। स्तन कैंसर में स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी होती है। आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर, वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं। कुछ मामलों में स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है।

पारिवारिक इतिहास भी एक कारण-
टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई के निवारक ऑन्कोलॉजी विभाग की प्रोफेसर और चिकित्सक डॉ. शर्मिला पिम्पले ने कहा कि स्तन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। जैसे पारिवारिक इतिहास। बीआरसीए-वन, बीआरसीए-2 और पी-53 जैसे जीनों में म्यूटेशन के कारण कैंसर की कोशिकाएं बनती हैं। इसके अलावा लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना, समय से पहले पहला मासिक धर्म, देर से रजोनिवृत्ति, गर्भनिरोधक गोली, हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी, शराब का उपयोग, शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा और कम समय के लिए स्तनपान आदि मुख्य रूप से स्तन कैंसर के कारण हैं।  
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर को चरण ओ, आईए, आईबी, आईआईए, आईआईआईबी, आईआईआईसी, और आईवी चरणों में वर्गीकृत किया गया है। हर एक चरण कैंसर के फैलाव को दर्शाता है, जहां अंतिम चरण मेटास्टेसिस को शरीर के अन्य भागों में दर्शाता है। अंतिम चरण बहुत ख़तरनाक है और इसमें जिंदा रहने की उम्मीद बहुत कम होती है।

नर्सिंग की छात्राओं को डेमो के माध्यम से कैंसर की जांच करना बताया।

यदि यह लक्षण दिखें तो सजग हो जाएं और जांच कराएं-
(एक्सपर्ट  के अनुसार)

1. स्तन में गांठ या मस्से: स्तन कैंसर के मामलों में दिखाई देने वाला यह सबसे आम लक्षणों में से एक है। स्तन में गांठों की जांच कराना चाहिए। चाहे गांठें कोमल ही क्यों न हों।
2. पूरे स्तन या किसी हिस्से में सूजन: स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है। हालांकि यह संक्रमण या गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है, लेकिन स्तन की त्वचा में जलन या डिंपलिंग जैसे अन्य लक्षण हैं तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
3. त्वचा में परिवर्तन: स्तन की त्वचा में परिवर्तन भी स्तन कैंसर का एक संकेत हो सकता है। इसमें जलन, त्वचा का लाल होना, त्वचा का मोटा होना, स्तन ऊतक के डिंपलिंग, त्वचा की बनावट में बदलाव
4. निप्पल में बदलाव: निप्पल से किसी भी तरह के असामान्य तरल निकलने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। साथ ही निप्पल का अंदर की ओर को दबना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर निप्पल में दर्द हो तो उसकी भी समय रहते जांच कराना चाहिए।
5. अंडरआर्म में गांठ: अगर अंडरआर्म में गांठ होती है, तो इसकी स्तनों से संबंधित होने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है। स्तन का ऊतक अंडरआर्म्स तक होता है। साथ ही स्तन के कैंसर हाथों के नीचे मौजूद लिम्फ नोड्स से भी फैल सकते हैं।

टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई के प्रीवेंटिव ऑन्कोलॉजी विभाग की सीनियर रेजिडेंट डॉ. सौम्या चिप्पागिरी के अनुसार बचाव के उपाय-
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव क्या है?
– वजन को कंट्रोल कर ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है। 30-35 साल की उम्र की महिलाओं को अपने वजन को संतुलित रखना चाहिए।
– अधिक शराब या स्मोकिंग का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ता है। इसलिए इनसे परहेज रखें।  
– नियमित एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टीविटी कर भी ब्रेस्ट कैंसर को कंट्रोल किया जा सकता है।
– अपने लाइफस्टाइल में योग और मेडिटेशन को प्राथमिकता दें। योग और मेडिटेशन करने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है।
– अपनी डाइट को भी संतुलित रखें। अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों को शामिल करें। खुद को हाइड्रेट रखने के लिए रोज 8 से 10 ग्लास पानी पीएं।

ब्रह्माकुमारी डॉक्टर बहनों ने भी कैंसर की स्क्रीनिंग के बारे में टिप्स लिए।

तीन विधियों से होती है बेस्ट कैंसर की जांच-
टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी विभाग में प्रोफेसर और चिकित्सक डॉ. गौरवी मिश्रा ने बताया कि बेस्ट कैंसर की जांच एक मैमोग्राम विधि से होती है। यह एक इमेजिंग टेस्ट है। 40 से ऊपर की महिलाओं को स्तन कैंसर की आनुवांशिक प्रवृत्ति होने पर मैमोग्राम कराने की सिफारिश की जा सकती है।
इसके अलावा अल्ट्रासाउंड की जांच से डॉक्टर को यह समझने में काफी आसानी मिलती है कि ब्रेस्ट में कैंसर है या नहीं। यदि कोई मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड स्तन कैंसर को नियंत्रित नहीं करता है तो आपका डॉक्टर बायोप्सी जांत का सुझाव दे सकता है। इस परीक्षण में, संदिग्ध क्षेत्र से ऊतक के नमूनों को स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है। इन नमूनों को सुई के साथ या चीरा के माध्यम से एकत्र किया जा सकता है।

इन्होंने भी व्यक्त किए अपने विचार-
टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई की वैज्ञानिक अधिकारी डॉ.वसुंधरा कुलकर्णी, डॉ. गौरवी मिश्रा, डॉ. शर्मिला पिंम्पले ने कार्यक्रम में मौजूद नर्सिंग के विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए। सीनियर स्टाफ नर्स ज्योति बहन, वरिष्ठ स्वास्थ्य सहायक संगीता चव्हाण ने भी महिलाओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *