बस एक ही बात समझ में आती है कि आपसी प्यार
और सौहाद्र्र कम होने के कारण ही हो रहा है…..
आज पूरा विश्व इस बात से भयभीत है कि न जाने कब क्या हो जायेगा। देश के ताकतवर मुल्क दुनिया को पल भर में समाप्त कर देने वाले विनाशक हथियारों से एक दूसरे को समाप्त कर देने की धमकी दे रहे है। यदि सचमुच ऐसे हो गया तो पूरी मानवता के अस्तित्व पर ही खतरा आ जायेगा। आखिर जंग की वजह क्या है। बस यही की एक दूसरे से सुरक्षा। आखिर जब हम इंसान है तो एक आखिर यह युद्ध क्यों। हम एक दूसरे के खून के प्यासे क्यों हो गये हैं। जब हम निचोड़ पर पहुंचते है तो बस एक ही बात समझ में आती है कि आपसी प्यार और सौहाद्र्र कम होने के कारण ही हो रहा है। यदि हम थोड़े से अहंकार रूपी रावण को अपने उपर हावी ना होने दे तो इस तरह की विनाशकारी स्थितियों से बचा जा सकता है। क्योंकि मानव का जान
लेकर अपने संम्प्रभुता की रक्षा करने का कोई मतलब नहीं है। परमात्माके हम साी बच्चे है। यहॉं भले ही अलग अलग देश, जाति, धर्म मजहब की दिवारें बनी हो लेकिन सबका मालिक तो परमात्मा ही है। यह भाव जैसे ही हमारे अन्दर उत्पन्न हो जायें तो फिर इस तरह का भाव ही नहीं होगा। इसलिए वर्तमान समय में सबकुछ प्राप्त हो रहा है परन्तु छूट जोरहा वह है आपसी प्यार और एकता सदभावना। इसलिए परमात्मा का यह संदेश है कि मूल्यों को जीवन में अपनाने का प्रयास करें।