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खुद को बुराई से आयसोलेट कर दे तो नही पडेगी जरूरत सैनेटाइजेशन की - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
खुद को बुराई से आयसोलेट कर दे तो नही पडेगी जरूरत सैनेटाइजेशन की

खुद को बुराई से आयसोलेट कर दे तो नही पडेगी जरूरत सैनेटाइजेशन की

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होलिस्टिक सैनेटाइज़ेशन पर वेबीनार में व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज़ के साइंटिस्ट एंड इंजीनियर्स विंग द्वारा होलिस्टिक सैनेटाइज़ेशन विषय पर दो दिवसीय इ सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत मेंटल, सोशल, इमोशनल और स्प्रिचुअल सैनेटाइज़ेशन विषय पर 4 सेशन्स लिए गए । इस अवसर पर मेंटल सैनेटाइज़ेशन पर संस्था की स्प्रिचुअल हेड राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वैर, अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन और हिमाचल प्रदेश के गवर्नर बण्डारू दत्तात्रेय ने मुख्य रूप से अपने विचार रखे और इस इस सम्मेलन के सफल होने की शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर स्प्रिचुअल हेड राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा, राजयोग के अभ्यास से सकारात्मक विचार सहज ही पैदा हो जायेंगे। मुझे विश्वास है कि आप सभी सहज ही इन सकारात्मक विचारों को जीवन में ला सकते है तथा वाणी व कर्म में लाकर जीवन सुखदायी बना सकते है।

महासचिव बीके निर्वैर ने कहा, सैनेटाइज हाथो, एटमास्फिअर या मन को करना बहुत अच्छी बात है। लेकिन इसके साथ साथ परमपिता परमात्मा के साथ, सर्व शक्तियों के साथ मन लगाकर स्वयं मनोबल भरना भी बहुत जरूरी है। इस से जीवन संवर जाता है, खुशीयों से भर जाता है।

अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन ने कहा, अगर हम खुद को बुराई से, खराबी से आयसोलेट कर दे, दोनों को मिक्स होने ना दे तो भी हमे सैनेटाइजेशन की जरूरत पड जायेगी। सैनेटाइजेशन का अगर हम अध्यात्मिक अर्थ ले तो यही होगा कि पावन रहना, पवित्र रहना, श्रेष्ठ कर्म करना, मीठा बोलना जो भी हमारे गुण बताए गए है देवताओं के वह हम धारण करेंगे तो जैसे मंदिर के अंदर कोई जाता है तो जूता उतार के कुल्ला कर के जाता है, यद्यपि उसको एक पावन जगह गिनता है वैसे अवगुण वाला व्यक्ति आपेही उस से दूर रहता है।

हिमाचल प्रदेश के गवर्नर बण्डारू दत्तात्रेय ने कहा, ब्रह्माकुमारी संस्थान सर्वांगिण स्वच्छता की दिशा में अच्छा कार्य कर रहा है। इसके लिए मै आप सभी को बधाई देता हूं। विशेष तौर पर ज्ञान के आधार से लोगों में हर प्रकार की स्वच्छता ला रहा है। ज्ञान एक ऐसी प्रक्रिया है जिस से हर एक का आत्मविश्वास बढ़ता है।
यूरोप एवं मिडिल इस्ट की निदेशिका बीके जयंती ने कहा, शुध्द मन है तो हर एक के साथ हमारा व्यवहार बहुत ही श्रेष्ठ रहेगा और श्रेष्ठ विचार धारण करने से मन का शुध्दिकरण होता है।
इसके साथ ही वैज्ञानिक एवं अभियंता प्रभाग के अध्यक्ष बीके मोहन सिंघल और प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके भारत भूषण ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि मेंटल रूप से सैनेटाइज़ करने के लिए स्वयं को व्यर्थ, नकारात्मक और कमज़ोर संकल्पों से मुक्त करना होगा जिसमें राजयोग मुख्य भूमिका निभाता है।

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