– मां दुर्गा से लेकर छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय लोकनृत्य, जवानों की शहादत की प्रस्तुति से किया भाव-विभोर
– मातारानी की आराधना में एक से बढ़कर प्रस्तुति दी
शिव आमंत्रण, आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय शांतिवन में आयोजित परमात्म मिलन शिविर के पहले ग्रुप में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश से लोग पहुंचे। इसमें ब्रह्माकुमार भाई-बहनों की आध्यात्मिक उन्नति के लिए सुबह-शाम विशेष आध्यात्मिक क्लासेस आयोजित की गईं।
शाम को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित रही। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत के साथ किया गया। कुमारी वेदिका ने माता मेहतारी को समर्पित नृत्य की प्रस्तुति दी। इंदौर से आईं शिव शक्ति निकेतन छात्रावास की कुमारियों ने भारत की विभिन्न संस्कृतियों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया। देशभक्ति गीतों से बताया कि कैसे जवान सरहद पर रहकर देश की रक्षा करते हैं। उनके त्याग-तपस्या और साधना को भी दर्शाया गया। वहीं देश की शान किसान की मेहनत की दिखाया। छग रायपुर से आईं बालिकाओं ने भांगड़ा की प्रस्तुति दी। साथ ही ब्रह्माकुमारीज़ की स्थापना से लेकर ब्रह्मा बाबा की जीवन कहानी और अब तक के सफर को नाटक के माध्यम से दिखाया।
मोबाइल एडिक्शन को लेकर नाटक पेश किया-
इस दौरान इंदौर की कुमारियों ने मोबाइल एडिक्शन को लेकर नाटक पेश किया। इसमें बताया कि कैसे आज मोबाइल के कारण आज बच्चे से लेकर बुजुर्ग अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं। कैसे मोबाइल के चलते बच्चों की स्मरण शक्ति कमजोर हो रही है। कार्यक्षमता कमजोर हो रही है। साथ ही पढ़ाई में भी पिछड़ रहे हैं। इसके माध्यम से बताया कि कैसे बच्चे मोबाइल के कारण खाना-पानी छोड़ देते हैं, सामाजिक दुनिया से दूर हो रहे हैं। वहीं मोबाइल के सही और सीमित उपयोग से हम इसे सफलता की साधन भी बना सकते हैं।
सभी छात्राएं रोज करती हैं मेडिटेशन-
इस दौरान कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि बच्चों को बचपन से अच्छे संस्कार दिए जाएं तो वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्म प्रकाश भाई ने कहा कि बालिकाओं ने यह साबित कर दिया है कि बच्चों को यदि अच्छी शिक्षा मिले तो वह सब कुछ कर सकते हैं। इंदौर जोन की निदेशिका बीके हेमलता दीदी ने कहा कि इंदौर के शक्ति निकेतन छात्रावास में छात्राओं को खाना बनाने से लेकर भाषण कला, पाक कला, साफ-सफाई, सिलाई-कढ़ाई और आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती है। सभी छात्राएं रोज नियमित रूप से राजयोग मेडिटेशन करती हैं। कार्यक्रम में दस हजार से अधिक लोग मौजूद रहे।