- 75 साल तक मानवता की सेवा में जीवन लगाना महान पुण्य -दादी रतन मोहिनी
- संयुक्त मुख्य प्रशासिका मुन्नी दीदी का मनाया 75वां जन्मदिन, लौकिक परिवार भी शामिल
शिव आमंत्रण, आबू रोड, 20 नवम्बर, निसं। जिस मनुष्य का जीवन केवल अपने लिए होता है वह केवल अपने तक ही सीमित होता है। परन्तु जो व्यक्ति दूसरों के लिए सोचता और करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है। वह मनुष्य नहीं बल्कि देवता के रूप में स्मरणीय होता है। बीके मुन्नी बहन का जीवन 75 सालों तक मानव सेवा में लगाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज संस्थान की प्रमुख 99 वर्षीय राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी के अमृत महोत्सव पर बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि बीके मुन्नी बहन बाल्यकाल में अपने जीवन का फैसला ले लिया था कि मानवता की सेवा करना ही उनका लक्ष्य होगा। उनके माता पिता ने भी उन्हें इसके लिए समर्पित किया और वह आज पूरे विश्व में नारी शक्ति के लिए कार्य कर रही है। उनके इस जीवन पर दीर्घायु होने की कामना करते हैं।
कार्यक्रम में संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी तथा बीके जयंती दीदी ने अपने आशिवर्चन में कहा कि नारी समाज के रूप को बदल सकती है। नारी अपने स्वरूप को पहचान ले तो उसका जीवन शक्ति स्वरूप हो जाता है। मुन्नी बहन ने यह सिद्ध कर दिया है कि दुनिया का बड़ा से बड़ा प्रबंधन महिलाएं संभाल सकती है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान में हजारों लोगों का ख्याल रखना और उनके आने जाने का प्रबंधन करना एक महान उपलब्धि है। उन्हें स्वस्थ रहने की शुभकामनाएं देते है।
इस अवसर पर संस्थान के महासचिव बीके निर्वैर ने कहा कि माताओं बहनों को इनके दैवी गुणों और उनके कुशल प्रबंधन से प्रेरणायें मिलती है। इतना सुन्दर तरीके से जीवन में मूल्यों का उतारना और दूसरों के लिए फिक्रमंद रहना दिव्य आत्माओं का ही कार्य है। वर्तमान समय ऐसी महान आत्माओं की जरूरत है। अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने मुन्नी बहन के कुशल प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि यदि नारी शक्ति का रूप धारण कर ले तो पूरा समाज बदल सकता है।
अपने जीवन के 75 साल पर अपना वक्तव्य देते हुए संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी ने कहा कि मेरा जीवन सफल हो गया ऐसा मानती हूूं। मुझे प्रात: काल से रात तक परमात्मा की सेवा में व्यस्त रहना सबसे बड़ा पुण्य है। मैं तो सबसे यही कहना चाहती हूं कि यदि हम अपना जीवन परमात्मा को समर्पित कर दें तो हमारे बारे में परमात्मा सोचता है।
इस खास मौके पर संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष, बीके शशि, बीके सुदेश, मल्टीमीडिया प्रमुख बीके करुणा,कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, डा प्रताप मिडढा, बीके श्रीनिवास, बीके देव, बीके प्रकाश, समेत कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। मुन्नी दीदी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में रैली का भी आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में संस्थान के सदस्य शामिल हुए। इस दौरान देश के कई हिस्सों से आये कलाकारों ने अपनी दिव्य प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अमृत महोत्सव में उनके परिवार और रिश्तेदार भी शामिल हुए।