सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
कठिन समय में शांत रहना महानता की निशानी है: उप महानिदेशक अग्रवाल हम संकल्प लेते हैं- नशे को देश से दूर करके ही रहेंगे शिविर में 325 रक्तवीरों ने किया रक्तदान सिरोही के 38 गांवों में चलाई जाएगी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल परियोजना व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाएंगे तो लाइट रहेंगे: राजयोगिनी जयंती दीदी राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया हर्बल डिपार्टमेंट का शुभारंभ  मप्र-छग से आए दस हजार लोगों ने समाज से नशे को दूर करने का लिया संकल्प
ब्रह्माकुमारीज़ लोगों को अंगदान के लिए करेगी जागरूक - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
ब्रह्माकुमारीज़ लोगों को अंगदान के लिए करेगी जागरूक

ब्रह्माकुमारीज़ लोगों को अंगदान के लिए करेगी जागरूक

मुख्य समाचार
  • अंगदान-जीवनदान महाअभियान का शुभारंभ
  • देशभर में अंगदान के प्रति समाज को करेंगे जागरूक
    शिव आमंत्रण /आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिकल विंग की ओर से अंगदान-जीवनदान महा अभियान का शुभारंभ किया गया। इसके तहत अब देशभर में ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्रों के माध्यम से लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक किया जाएगा। लोगों को सेमीनार के माध्यम से अंगदान का महत्व, प्रक्रिया आदि के बारे में बताकर मेडिकल में इससे होने वाले फायदों आदि के बारे में आमजन को रुबरु कराया जाएगा।
    शांतिवन के डायमंड हाल में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉक्टर बनारसी लाल ने कहा कि अंगदान जीवनदान महाअभियान शुरू किया जा रहा है, यह मानव जीवन रक्षा के तहत एक सराहनीय पहल है। अंगदान करना काफी महत्वपूर्ण है। कई लोगों को अंगदान की वजह से नए अंग मिल जाते हैं। उन्होंने लोगों से आहृान किया कि आप सभी से अनुरोध है बिना किसी झिझक के इस पुनीत कार्य में अपना योगदान दें।
    उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा दान अंगदान माना जाता है। जैसे कोई ब्लाइंड है उनके लिए दुनिया जैसे अंधकार है। वह अपने जीवन से निराश हैं। अगर ऐसे व्यक्ति को आंख मिल जाए तो उन्हें कितना सुख मिलेगा और आंख देने वाले को कितनी दुआएं मिलेंगी। पुण्य का खाता जमा होगा। लोग आज डायलिसिस पर हैं। उन्हें अगर एक किडनी मिल जाए तो उनके जीवन में एक नया सवेरा, खुशी-उमंग आ जाएगा। हमारे भारत संस्कृति में दान का बड़ा महत्व है। बचपन में ही हमारे माता-पिता दान करना सिखाते हैं, ताकि दान का संस्कार छोटेपन से आ जाए।

हमारे अंगदान से कई डॉक्टर बनते हैं-
डॉ. बनारसी लाल ने कहा कि हमारे समाज में किसी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार किया जाता है या दफनाया जाता है। यदि घरवाले जागरूक हों तो उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को दान कर भलाई की जा सकती है। अगर लोग दान करना चाहें तो यह अंगदान दो तरह से होता है। एक जीते जी, दूसरा मरने के बाद घरवाले अगर जागरूक हों तो हमारे अंगों को सफल कर सकते हैं। जीते जी अगर हम अपने शरीर के अंगों को दान करके जाएं तो उस शरीर से अनेक डॉक्टर पैदा होंगे, जो समाज के लिए भलाई का काम करेंगे। ऐसा करने से हम मरने के बाद भी किसी के काम आते हैं।

कार्यक्रम में मौजूद देशभर से आए बीके भाई-बहनें।

लोगों को भ्रांतियों को करना होगा दूर-
उन्होंने कहा कि शरीर अगर कुछ खास विशेष बीमारी से ग्रसित होकर के मृत्यु को ना पाया हो तो उनका आंख, किडनी, फेफड़े, लीवर काम आ सकता है। समाज में कुछ ऐसी भ्रांतियां और मान्यताएं हैं कि जो अंग हम दान करेंगे वह अंग फिर अगले जन्म में हमें नहीं मिलेगा। यह एक अंधविश्वास और भ्रांति है। मरने के बाद आत्मा कौन सा अंग ऊपर ले जाने वाली है। ऐसा कुछ भी नहीं इसीलिए हम जागृत होंगे हमारा समाज जागृत होगा तो हमारा संसार सुख में होगा। इस साल राजस्थान सरकार अंग दान महादान अभियान शुरू कर रही है। संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शारदा दीदी ने किया। इस मौके पर देशभर से आए बीके भाई-बहनें मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *