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सदा मन को ठीक रखें, सबकुछ चला जाए खुशी न जाए - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
सदा मन को ठीक रखें, सबकुछ चला जाए खुशी न जाए

सदा मन को ठीक रखें, सबकुछ चला जाए खुशी न जाए

मुख्य समाचार राजस्थान

– मेडिकल विंग की 46वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस शुरू
– सेल्फ केयर एंड सेल्फ कम्पेशन थीम पर चलेगी कॉन्फ्रेंस  
– अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने डॉक्टर्स को बताए हैप्पी लाइफ के सीक्रेट

मेडिकल विंग की 46वीं कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए अतिथि।

शिव आमंत्रण,3 सितंबर, आबू रोड/राजस्थान (निप्र)। हमारे माइंड में सबसे बड़ी हीलिंग पावर है। यदि कोई बीमारी शरीर को हो जाए वह बड़ी बात नहीं है लेकिन जब बीमारी मन को हो जाती है तो वह स्थिति सबसे गंभीर है। अब आपको यह देखना होगा कि आपको अपने मन की देखभाल कैसे करना है। अब तक हम शरीर की देखभाल तो करते आ रहे हैं लेकिन मन की देखभाल नहीं की। इससे बीमारियां कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही हैं। जैसे मेडिकल की एक भाषा होती है, वैसे ही स्प्रीचुअल भी एक भाषा है। इसमें हर एक शब्द हाई एनर्जी का होता है। जिससे हमारे माइंड को पॉजीटिव एनर्जी मिलती है। जब आप हॉस्पिटल में मरीजों को देखने जाएं तो उन्हें हाई एनर्जी वर्ड ही यूज करें। आप अपने हर पेशेंट की सोच को बदल सकते हैं। जीवन में सबसे जरूरी है कि अपने मन को ठीक रखें। जब हम अपने मन को सदा ठीक रखेंगे तो क्वालिटी ऑफ लाइफ हाई हो जाएगी।

उक्त उद्गार अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने देशभर से आए 500 से अधिक डॉक्टर्स को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। ब्रह्माकुमारीज के मनमोहिनीवन परिसर में मेडिकल विंग द्वारा 46वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। सेल्फ केयर एंड सेल्फ कम्पेशन थीम पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ करते हुए उन्होंने डॉक्टर्स से आह्नान किया कि  जीवन में सबकुछ चला जाए लेकिन खुशी नहीं जाए। चाहे हमारे सामने मौत ही क्यों न खड़ी हो। जब आप अपने माइंड की हाई एनर्जी के साथ मरीज का इलाज करेंगे तो वह जल्दी रिकवर होंगे। क्योंकि मरीज पर दवा से ज्यादा डॉक्टर के प्रेममय व्यवहार, केयरिंग और हीलिंग पावर से होता है।  

मेडिकल दुआएं कमाने का पेशा-
मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि परमपिता परमात्मा रुहानी सर्जन हैं। उनसे संबंध जोड़कर और योग लगाकर हम जीवन की हर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि मेडिकल के पेशे में हम सबसे ज्यादा दुआ कमा सकते हैं। इसलिए इस पेशे में आप सभी की समाज के प्रति ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ जाती है। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि डॉक्टर भाई-बहनें परमात्मा के अमूल्य रतन हैं। जब आपका माइंड स्टेबल और पीसफुल रहेगा तो पेशेंट भी जल्दी रिकवर होंगे।  महासचिव बीके निर्वैर ने भी शुभकामनाएं दीं।

कॉन्फ्रेंस में मौजूद देशभर से आए डॉक्टर।

इस नॉलेज को अपनी लाइफ में इम्पलीमेंट करें-
कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने भी विचार व्यक्त किए। मेडिकल विंग के अध्यक्ष डॉ. अशोक आर मेहता ने कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आप सभी इस पवित्र वातावरण का लाभ उठाएं। यहां दिए जा रहे नॉलेज को अपनी लाइफ में इम्पलीमेंट करें और खुद के साथ अपने पेशेंट को भी इसका लाभ मिले। विंग के उपाध्यक्ष डॉ. प्रताप मिड्ढा ने कहा कि माइंड के लिए सबसे बड़ी मेडिसिन मेडिटेशन है। स्वागत गीत मधुरवाणी ग्रुप ने पेश किया। स्वागत भाषण मेडिकल विंग के सचिव डॉ. बनारसी लाल ने दिया। संचालन दिल्ली की बीके मोनिका गुप्ता ने किया। मुंबई से आए डॉ. सचिन परब, पटना एम्स की प्लास्टिक सर्जरी की एचओडी डॉ. वीना सिंह, दिल्ली से डॉ. रीना तोमर, धनबाद से असिस्टेंड प्रो. डॉ. सुनील कुमार वर्मा, ग्वालियर से डॉ. अमोल सिंघल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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