सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
सिरोही के 38 गांवों में चलाई जाएगी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल परियोजना व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाएंगे तो लाइट रहेंगे: राजयोगिनी जयंती दीदी राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया हर्बल डिपार्टमेंट का शुभारंभ  मप्र-छग से आए दस हजार लोगों ने समाज से नशे को दूर करने का लिया संकल्प चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन वैश्विक शिखर सम्मेलन (सुबह का सत्र) 6 अक्टूबर 2024 श्विक शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन-
आपके विचार ही आपका संसार है - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
आपके विचार ही आपका संसार है

आपके विचार ही आपका संसार है

बोध कथा

विमला चार दिन से बीमार थी। न उसे भूख रही, न प्यास। नींद भी न रही। अच्छी भली थी, सेहत भी ठीक थी, चार दिन में ही सूख गई। रंग भी काला पड़ गया था। कितने वैद्य आए, पर उसकी बीमारी का कारण नहीं ढूंढ पाए। माता पिता भी चिंता में मरे जा रहे थे। बात यह थी कि अगले ही महीने विमला का विवाह होने वाला था। नदी पार के गांव के ही एक लड़के से विवाह तय हुआ था। भय यह था कि यदि ससुराल पक्ष में इसकी बीमारी की सूचना पहुंच गई, तो कहीं वे विवाह से ही इंकार न कर दें। आज सुबह गुरुजी आए। माता-पिता चरणों में पड़ गए और रोने लगे। गुरुजी ने सांत्वना दी। कहा– चिंता मत करो! सब ठीक हो जाएगा। मुझे यह बताओ कि जिस दिन ये बीमार हुई, उस दिन हुआ क्या था? माता ने बताया– उस दिन शाम को यह अपनी सहेली सरला के साथ छत पर खेल रही थी। जब नीचे आई तो चेहरा उतरा हुआ था। बस तभी से बीमार है। गुरुजी ने सरला को बुलाकर पूछा कि छत पर कुछ हुआ था क्या? सरला बोली– हां गुरुजी! जब हम खेल रहे थे, तब सामने नदी के उस पार बहुत से ऊंटों का काफिला जा रहा था। उन सब पर बहुत सी रूई लदी थी। इसने पूछा कि ये इतनी रूई कहां जा रही है? मैंने मजाक में कह दिया कि तेरी ससुराल। इसने पूछा कि वे इतनी रूई का क्या करेंगे? तो मैंने कह दिया कि तुझसे धागा कतवाएंगे। बस यही बात है। ओह! तो यह बात है। कहते हुए, गुरुजी ने सरला के कान में कुछ कहा और चले गए। अगले दिन सरला विमला के पास आकर बैठ गई। उधर गुरुजी ने नदी पार बहुत से पत्तों के ढेर में आग लगवा दी। जब आकाश में धुआं ही धुआं हो गया, तब सरला बोली– विमला! विमला! देख! तेरे ससुर के रूई के गोदाम में आग लग गई। सारी रूई जल कर राख हो गई। विमला ने खिड़की से बाहर झांका और वो धुआं देखा, तो उसने लंबी सांस ली और ठीक हो गई। एक विचार से रोग हो गया, एक विचार उपचार बन गया, यही विचार का बल है। कील पर लटका कोट भूत बन जाता है, रस्सी सांप बन जाती है, स्वप्न का शेर बिस्तर गीला कर देता है।

संदेश: आपका विचार ही आपका संसार है। विचार बदलते ही मन बदल जाता है, जीवन बदल जाता है। विचार बदलते ही सब बदल जाता है। इसलिए जीवन में कुछ भी हो जाए, सबकुछ चला जाए लेकिन हमारे विचार, हमारा आत्मबल कभी कम नहीं होना चाहिए। जिसका जितना आत्मबल होता है वह व्यक्ति इस संसार में उतना ही नाम कमाता है, महान बन जाता है, योगी बन जाता है या फिर असाधारण कार्यकर जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *