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आत्मा का शुद्धिकरण ही मोक्ष का प्रतीक - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
आत्मा का शुद्धिकरण ही मोक्ष का प्रतीक

आत्मा का शुद्धिकरण ही मोक्ष का प्रतीक

सम्पादकीय

लोग कहते है कि मोक्ष के लिए आत्मा का शुद्धिकरण जरुरी है। आखिर क्या है आत्मा का शुद्धिकरण। मनुष्य के मन में छिपे आसुरी विचारों, नकारात्मक वृत्तियों को समाप्त कर मन को पानी की तरह साफ सुथरा रखना ही आत्मा का शुद्धिकरण है। इसके लिए मन और विचारों में पवित्रता, शुद्धता और शीतलता का समावेश करना ही अपने आपको मोक्ष की तरफ ले जाना है। मोक्ष का मतलब हमेंशा के लिए जन्म मरण से दूर होना नहीं बल्कि जीवन में रहते भी जीवन के भान से उपर उठना है। कर्म करते भी कर्म के बंधन में बंधना नहीं है। कर्म के प्रभाव से परे रहना है। यह तभी संम्भव है जब हम अपने मन, वचन, कर्म को साफ और शुद्ध बनायें। रोजाना जीवन में सकारात्मक विचारों के साथ दिनचर्या की शुरूआत करें। सामने कुछ नकारात्मक बातें आये तब भी उसे सकारात्मक दिशा में बदलें और बदलने की भरसक कोसिश करते रहें। बड़ी बातों को छोटा बनाना आना चाहिए। मन को हमेंशा खुश् रखकर हल्का रखें। इसके लिए प्रतिदिन राजयोग ध्यान और साधना जरुरी है। इसलिए हम आध्यात्मिक साधना को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लें। प्रतिदिन की दिनचर्या में शामिल करना ही मोक्ष की ओर पहला कदम बढ़ाना है। मन को हर तरह स्वतंत्र बंधनमुक्त महसूस कराना ही मोक्ष अर्थात सच्ची मुक्ति को पाना है जोजीते जी ही संभव है।

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