सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
हजारों लोगों ने नम आंखों से दी विदाई, दादी रतनमोहिनी पंचतत्व में विलीन देश-विदेश से पहुंचे हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजली राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी का 101 साल की उम्र में देवलोकगमन देशभर में रिकार्ड 48 हजार मेडिटेशन कार्यक्रम कर बनाया कीर्तिमान देश-विदेश से पांच लाख लोग पहुंचे ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय दिव्यांग सेवा के लिए एसबीआई ने प्रदान की ट्रेवलर गाड़ी दुनिया भर में दादी ने बढ़ाया नारी शक्ति का मान-मोहिनी दीदी
पेड़ सदा ही दाता के रूप में हमें देते ही रहते हैं करे संरक्षण, दे सकाश - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
पेड़ सदा ही दाता के रूप में हमें देते ही रहते हैं करे संरक्षण, दे सकाश

पेड़ सदा ही दाता के रूप में हमें देते ही रहते हैं करे संरक्षण, दे सकाश

झारखंड राज्य समाचार

हजारीबाग के पर्यावरण दिवस पर व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, हजारीबाग। विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम हजारीबाग, बड़ा अखाड़ा (झारखंड) सेवा केंद्र पर आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध व्यापारी अंजन दत्ता, एडवोकेट अश्विनी कुमार तथा विवेकानंद स्कूल की शिक्षिका जया श्रीवास्तव, नूतन श्रीवास्तव और राजश्री उपस्थित रहे। सेवा केंद्र संचालिका बीके हर्षा, बीके तृप्ति, बीके महक, बीके मोनिका, बीके शकुंतला उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर फूल के पौधे और कुछ पेड़ जिसमें दादी जानकी के नाम से बरगद का पेड़, दादी गुलजार के नाम से पीपल का पेड़ और दादी इशु के नाम से नीम का पेड़ मुख्य रूप से लगाया गया। साथ ही कुछ इरेक का नींबू, गुलाब, मोगरा इत्यादि फूलों के पौधे भी लगाये गये। सभी ने योग कमेंट्री के माध्यम से प्राकृति को प्रकंपन दिया और प्रतिज्ञा की, कि हम अपने अपने घरों में भी यथा स्थान उचित रूप से पेड़ अवश्य लगाएंगे, साथ ही संरक्षण भी करेंगे। वही बीके हर्षा ने प्रकृति और पेड़ों का महत्व बताते हुए कहा, कि आज कोरोना काल में जब सभी को ऑक्सीजन की जरूरत थी तो बहुत मशक्कत के बाद किसी किसी को ऑक्सीजन मिला और किसी को नहीं मिला। यह सब हमारे ही दुष्कर्म का परिणाम है। अब हमें प्रकृति को सकाश के साथ उचित संरक्षण भी देना है और अपने आप को भी सुरक्षित रखना है।
बीके हर्षा ने सभी को पेड़ से मिल रहे लाभ के बारे में अवगत कराया और कहा, कि पेड़ सदा ही दाता के रूप में हमें देते ही रहते हैं चाहे वह छांव के रूप में, इंधन के रूप में या फल-फूल के रूप में हो जीवन रूपी ऑक्सीजन के रूप में सदा ही वह हमें देते ही रहते हैं। इसलिए हमें इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *