जीवन में किसी न किसी कारण से थोड़े समय के लिए बीमार हो जाना एक साधारण बात है। आज के कलुषित और प्रदुषित वातावरण में कभी न कभी हरेक व्यक्ति कोई न कोई बीमारी का शिकार हो ही जाता है। कुछ दशक पहले कलेरा, प्लेग, स्मॉल पॉक्स आदि बीमारी गांव-गांव में फैलकर महामारी का रूप लेकर हजारों के लिए जानलेवा बन जाती थी। इन बीमारियों को हमने प्राय: निवारण कर दिया है। परन्तु आज समग्र विश्व मेें और खास कर भारत वर्ष में कुछ नई बीमारियां जैसे कि उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर और मानसिक रोग आदि महामारी के रूप में फैल रही है। इन बीमारियों में से एक मुख्य बीमारी डायबिटीज है जिसके बारे में हम चर्चा करेंगे। क्योंकि यह अनेकानेक बीमारियों को जन्म देनेवाली जननी और खामोश है इसलिए गंभीर भी है।
हर 11 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति में पाई जाने वाली बीमारी है डायबिटीज…
डायबिटीज वास्तव में कोई नई बीमारी नहीं है, यह तो बहुत प्राचीन बीमारी है। भारत के आयुर्वेद में इसे ‘मधुमेह’ के नाम से वर्णन किया गया है। परन्तु प्राचीन काल में यह कोई हजारों में वा लाखों में किसी एक को ही ग्रसित किया हुआ पाया जाता था। आज हम फिर से इस बीमारी के बारे में चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि विगत कुछेक वर्षो के अंदर ही यह घर-घर में व्यापक हो गई है। सारे विश्व में आज यह बीमारी 11 व्यक्तियों में से 1 में पाई जाती है। हमारे भारत जैसे विकासशील राष्ट्रों में तो एक संकट कालीन परिस्थिति आ पहुंची है। शहरों में लगभग एक भी ऐसा परिवार नहीं होगा जिसमें डायबिटीज का मरीज नहीं हो। महानगरों में 3-4 वयस्क व्यक्ति में से एक में अर्थात लगभग 25-30 प्रतिशत लोगों में यह बीमारी दिखाई देने लगी है और ग्रामीण क्षेत्रों में इस बीमारी से 5-10 प्रतिशत लोग ग्रसित हैं।
विश्व में हरेक २० सेकंड में एक मरीज का पांव काटना पड़ रहा है…
कुछ साल पहले तक यह बीमारी सिर्फ अमीर लोगों में पाई जाती थी। इसलिए इसे एक राजरोग माना जाता था। परन्तु आज धनी-निर्धन, अमीर-गरीब, शहरी हो या ग्रामीण सबमें पाई जाती है। 30 से 40 साल पहले 60 साल के उम्र के बाद ही लोग इस बीमारी से ग्रसित होते थे। आजकल तो बच्चों से लेकर बुढ़े तक सबको यह निगलती जा रही है। सबसे बड़ा एक दु:खद विषय यह है कि केवल भारत में ही हर साल लगभग10 लाख लोग इस बीमारी के कारण ही मृत्यु-वरण कर रहे हैं और सारे विश्व में लगभग आधे करोड़ (5 millions) मरीज हर साल जान गवां रहे हैं। प्राय: हर 6 सेकण्ड में कोई न कोई डायबिटीज मरीज मृत्यु-वरण कर रहा है। परन्तु सबसे मर्म स्पर्शी बात तो यही है कि हर 20 सेकण्ड में कोई न कोई एक डायबिटीज मरीज का एम्पूटेशन हो रहा है (पांव काटना पड़ रहा है)। अगर गंभीरता से अनुचिंता किया जाए तो यकिन होगा कि सचमुच यह बीमारी कैसे एक भयंकर रूप ले चुकी है और समग्र विश्व तथा भारत के लिए एक विराट समस्या बन चुकी है।
डायबिटीज हमारे देश की आर्थिक व्यवस्था को झकझोर देने वाली बीमारी..
आज डायबिटीज एक महा महामारी बन हम सभी का व्यक्तिगत, पारिवारिक और समाजिक जीवन को ध्वस्थ-विध्वस्थ कर रही है और यह हमारे आर्थिक अवस्था को भी झकझोर कर रख दी है जो कि देश की प्रगति के लिए भी एक बहुत बड़ा बाधक है। डायबिटीज की दवाई कितनी महंगी है। अधिकतर मरीज तो निम्न मध्यवित्त परिवार के ही होते हैं। विगत कई सालों से IDF (इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन) का कहना है कि आप अपने बच्चों को बचाओ। नहीं तो आपके बच्चों का मौत आपके सामने होगा। सचमुच यह हम सब के लिए एक गंभीर विषय है। और इसे गहराई से सोचकर हम सभी को समाज के लिए कुछ करना होगा नहीं तो आने वाला समय सबके लिए बहुत ही भयानक साबित होगा।