गर्भावस्था में डायबिटीज (Gestational diabetes):
महिलाओं के लिए गर्भावस्था एक तनाव पूर्ण अवस्था है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ हार्मोन्स् का स्राव अधिक मात्रा में होने के कारण शरीर में विशेष परिवर्तन परिलक्षित होते हैं। स्ट्रेस हार्मोन्स् (Stress Hormones) के क्षरण अधिक होने के कारण महिलाओं में रक्तचाप (High Blood Pressure) तथा ब्लड शुगर (Blood Sugar) भी बढऩे लगते हैं। फलत: गर्भावस्था में कुछेक महिलाओं में उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) तथा डायबिटीज की बीमारी शुरू हो जाती है। अमेरिका जैसे विकसित राष्ट्र में लगभग 7 गर्भवती महिलाओं में से 1 में डायबिटीज शुरू होना दिखाई देती है। परंतु भारत जैसे विकासशील राष्ट्र में 4 गर्भवती में से 1 पाई जाती है।
कुछ विशेष ज्ञातव्य बातें:
गर्भावस्था में यदि डायबिटिज होती है तो बहुत महिलाओं को पता भी नहीं होता है क्योंकि मुख्यत: यह एक खामोश बीमारी है। विशेष बात तो यही है कि यह बीमारी मां और बच्चा दोनों के लिए जानलेवा बन सकती है।
बार-बार गर्भपात होना यह भी डायबिटिज के कारण हो सकता है। इसके कारण बच्चा मां के पेट में विकलांग भी हो जाते हैं। कुछ बच्चों की शारीरिक वृद्धि अत्यधिक होने के कारण (4-5 किलो) प्रसव संबंधित समस्या भी उत्पन्न हो सकती है तथा वह बच्चा बहुत ही कम उम्र में डायबिटिज से ग्रसित हो जाता है।
कुछ महिलाओं में डायबिटिज गर्भावस्था से पहले बार्डर लाइन अवस्था में रह सकती है और गर्भावस्था शुरू होते ही पूर्ण रूप में दिखाई देने लगती है। अधिकतर महिलाओं में डायबिटिज गर्भावस्था का प्रथम पर्याय (Trimester) के बाद शुरू होती है। कुछ महिलाओं में दूसरी व तीसरी पर्याय में भी शुरू होती है।
कैसे निदान करें ?
प्रत्येक महिला को प्रेगनेंसी के लिए वास्तव में प्लानिंग करना चाहिए और गर्भावस्था से पहले ही अपना हेल्थ चेकअप करा लेना चाहिए। जिसमें ब्लड शुगर भी अवश्य शामिल हो। गर्भावस्था का पता चलते ही हर तीसरे महीने में ब्लड शुगर की जांच कराना बहुत जरूरी है।
कैसे कराएं चेकअप ?
गर्भावस्था से पहले (Pregnancy planning के लिए):
सवेरे-सवेरे खाली पेट (Fasting blood sugar) चेक करें।
ग्लूकोज शरबत (75gm Anhydrous Glucuse 240 मि.ली. से 300मि.ली. पानी में घोलकर) पीने के दो घंटे बाद शुगर चेक करें। इसे ओजीटीटी (OGTT-Oral Glucose Tolerance Test) भी कहते हैं।
गर्भावस्था में :
सवेरे-सवेरे खाली पेट अथवा नाश्ता आदि करने के बाद OGTT कराएं। उपरोक्त वर्णित OGTT किसी पैथोलॉजी लैबोरेट्री में जाकर ही कराएं।
कब समझें शुगर नार्मल है ?
गर्भावस्था से पहले : (Fasting) खाली पेट 100 मि.ग्रा. से कम तथा ग्लूकोज़ शरबत पीने के दो घंटे के बाद (OGTT) 140 मि.ग्रा. से कम।
गर्भावस्था में : ओजीटीटी (OGTT) 140 मि.ग्रा. से कम। यदि ओजीटीटी (OGTT) 140 मि.ग्रा. से ज्यादा है तब कहेंगे डायबिटीज हो गया है।
क्या करें ?
यदि ओजीटीटी (OGTT) 140 मि.ग्रा. से ज्यादा है तब अवश्य ही अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा मधुमेह विशेषज्ञ के परामर्श में रहना बहुत ही जरूरी है।