- विधायक जगसीराम कोली बोले- रक्तदान से बड़ा पुण्य का कोई कार्य नहीं हो सकता है
- ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का आयोजन, देशभर से आए लोगों ने किया रक्तदान
- ग्लोबल हॉस्पिटल ब्लड बैंक, महाराणा भूपाल शासकीय मेडिकल कॉलेज उदयपुर और रोटरी इंटरनेशनल का रहा सहयोग
शिव आमंत्रण/आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के शांतिवन परिसर स्थित डायमंड हाल में आयोजित विशाल रक्तदान शिविर में लोगों का अपार उत्साह देखने को मिला। युवाओं से लेकर बुजुर्ग और महिलाओं ने उत्साह के साथ रक्तदान किया। पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 16वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित रक्तदान शिविर में 510 यूनिट रक्तदान किया गया। इसमें विशेष रूप से ग्लोबल हॉस्पिटल ट्रामा सेंटर आबू रोड, महाराणा भूपाल शासकीय मेडिकल कॉलेज उदयपुर और रोटरी इंटरनेशनल क्लब आबू रोड का सहयोग रहा। इसमें से 170 यूनिट ब्लड उदयपुर मेडिकल कॉलेज के लिए भेजा गया।
शिविर में पहुंचे रेवदर विधायक जगसीराम कोली ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित यह विशाल रक्तदान शिविर अपने आप में बहुत बड़ी सेवा है। ब्रह्माकुमारीज़ ने इतना विशाल शिविर आयोजित किया यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। ऐसे आयोजनों से समाज को बड़ा संदेश मिलता है। हर किसी को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से बढ़कर कोई पुण्य का कार्य नहीं है। युवाओं को आगे आना चाहिए। मीडिया निदेशक बीके करुणा भाई ने कहा कि रक्तदान को लेकर ब्रह्माकुमार भाई-बहनों में बहुत ही उत्साह दिखा। बहनों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि दादी प्रकाशमणिजी के 16वें पुण्य स्मृति दिवस पर यह रक्तदान शिविर आयोजित किया गया है। इसमें देशभर से आए बीके सदस्यों ने बड़े ही उत्साह के साथ रक्तदान किया। संस्थान द्वारा राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा के साथ सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में कार्य किए जाते हैं। हमारा मकसद है कि रक्त कि कमी से कभी कोई अपनो को नहीं खोए। रक्तदान महादान है।
ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रताप मिड्ढा ने कहा कि हॉस्पिटल की ओर से समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं। इस बार के शिविर में ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े ब्रह्माकुमार भाई-बहनों ने ही भाग लिया। मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बनारसी लाल ने कहा कि आज लोगों की रक्तदान को लेकर धारणाएं बदल रही हैं। अब लोग आगे आकर रक्तदान के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
100 से अधिक नारी शक्ति ने किया रक्तदान-
शिविर में पुरुषों के साथ नारी शक्ति ने भी रक्तदान को लेकर उत्साह दिखाया। इस दौरान 100 से अधिक नारी शक्ति ने भी रक्तदान किया। इनमें ज्यादातर महिलाओं ने पहली बार रक्तदान किया। वहीं कई महिलाएं इससे पहले भी दस से अधिक बार रक्तदान कर चुकी हैं।
रक्तदान सबसे बड़ा दान है। मैं लंबे समय से रक्तदान कर रहा हूं। अब तक 20 से अधिक बार रक्तदान कर चुका हूं। रक्तदान करने के बाद जो खुशी और आत्म संतुष्टि मिलती है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। हमारा एक यूनिट रक्त, तीन जिंदगियां बचाता है। मेरा हर युवा से आहृान है कि साल में कम से कम दो बार अवश्य शिविर में या अपने नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करके मुझे गर्व की अनुभूति होती है।
– रक्तवीर बीके ईश्वर भाई, शांतिवन, आबू रोड।
एक बार किसी को परेशानी में देख और रक्त की जरूरत होने पर पहली बार रक्तदान किया। तब से मुझे प्रेरणा मिली कि रक्तदान कितना महत्वपूर्ण और जरूरी है। अब तक मैं करीब 15 बार रक्तदान कर चुकी हूं। मुझे हर बार रक्तदान करने के बाद खुशी मिलती है। नारी शक्ति को डरने की जरूरत नहीं है जो स्वस्थ हैंं वह रक्तदान कर सकती हैं।
– रक्तवीरांगना बीके नीलम बहन, भीखी, मानसा, पंजाब
मैं अब तक 20 से अधिक बार रक्तदान कर चुका हूं। कई साल पहले एक पड़ोस की आंटी के लिए रक्त की जरूरत थी, तब मैंने पहली बार रक्तदान किया था। तब से लेकर मैं नियमित रक्तदान करता आ रहा हूं। साल में एक बार आबू रोड आकर रक्तदान जरूर करता हूं। हमें दधीचि ऋषि से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कैसे उन्हें हड्डी-हड्डी लगा दी थी। रक्तदान से हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। किसी तरह की कोई शारीरिक कमजोरी नहीं होती है।
– रक्तवीर उदयप्रताप भाई, गोदिंया, महाराष्ट्र
मैं युवावस्था से रक्तदान कर रहा हूं। अभी 58 साल का हो गया हूं फिर भी रक्तदान किया है। क्योंकि मैं पूरी तरह से फिट हूं। डॉक्टरों ने भी अनुमति दी है। अब तक 25 से अधिक बार रक्तदान कर चुका हूं। इससे हमारी बॉडी में नया रक्त बनता है और हम सदा स्वस्थ रहते हैं। युवाओं को जरूर रक्तदान करना चाहिए। इससे बड़ा कोई पुण्य का कार्य नहीं हो सकता है।