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सामाजिक जिम्मेवारी को स्वीकारे सडक दुर्घटना से खुद को बचाये - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
सामाजिक जिम्मेवारी को स्वीकारे सडक दुर्घटना से खुद को बचाये

सामाजिक जिम्मेवारी को स्वीकारे सडक दुर्घटना से खुद को बचाये

छत्तीसगढ़ राज्य समाचार

विश्व यादगार दिवस पर बीके सुरेश के विचार

शिव आमंत्रण, अम्बिकापुर। हमारा परिवार हमारे ऊपर ही निर्भर हैं फिर भी हम सडक़ सुरक्षा नियमों का पालन नहीं कर रहेे हैं। इसका अर्थ यही हैं कि हम अपनी सामाजिक जिम्मेवारी को स्वीकार ही नहीं कर रहे है। इसलिये लगातार बढती जानेवाली सडक़ दुर्घटनाओं का कारण हम स्वयं हैं। 90 प्रतिशत से ज्यादा सडक़ दुर्घटना व्यक्ति के गलतियों के कारण हो रही हैं। ये दुर्घटनाए सडक़ के कारण नहीं बल्कि नाबालिग बच्चों के हाथ में वाहन देने से हो रही हैं। उक्त विचार माउण्ट आबू के राजस्थान गर्वमेन्ट रोड़ सेफ्टी टे्रनर बीके सुरेश ने ऑनलाइन वेबीनार में नव विश्व भवन, चोपड़ापारा द्वारा सडक़ दुर्घटनाओं में पीडि़तों की स्मृति में आयोजित विश्व यादगार दिवस पर व्यक्त किये।
उन्होंने आगे सडक़ दुर्घटना के मुख्य तीन कारण बताये। उसमे पहला तीव्रगति से वाहन चलाना, दूसरा नशे में वाहन चलाना, तीसरा सबसे बड़ा कारण हैं नींद में वाहन चलाना। इन्हीं तीन मुद्दों पर यदि सभी लोग ध्यान देंगे तो सडक़ दुर्घटना से बचा जा सकता हैं। उन्होंने सभी का ब्रह्माकुमारी संस्था की ओर ध्यान खिंचवाते हुये कहा, कि ये संस्था 20 वर्षों से सडक़ सुरक्षा के लिये भिन्न-भिन्न कायक्रम कर रही हैं जिससे मन में चलने वाले विचारों की रफ्तार को कम किया जा सकता हैं।
सरगुजा संभाग के अतिरिक्त पुलिस ओम चंदेल ने कहा, कि ज्ञान और धर्म दोनों एक दूसरे से जुडे हुये हैं।आज हम सभी ट्रांजेशन से गुजर रहे हैं। आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरत हैं आध्यात्म और संस्कार की। आज हमारे बच्चे अपने संस्कारों को, परम्पराओं को और हमारे आध्यात्मिक मूल्यों को खोते जा रहे हैं। ब्रह्माकुमारीज एक ऐसी संस्था हैं जो एक अभियान के रूप में इसको बनाये रखने में प्रयासरत हैं। हमे ऐसा लगता था कि यह विभागिय काम हैं पर आज जब हम आप लोगों के साथ आये तो ऐसा लगा कि यह संस्था भी बहुत पुनीत कार्य कर रही हैं तो इसके साथ चार कदम मिलाकर चले तो हम धन्य हो जायेंगे।
सरगुजा संभाग की संचालिका बीके विद्या ने कहा, कि अगर हम बाहरी सेफ्टी के साथ अपनी आन्तरिक सुरक्षा पर ध्यान दे तो इस सडक़ दुर्घटना से बच सकते हैं। क्योंकि वर्तमान समय मनुष्य का जीवन इतना फास्ट हो गया हैं कि वो क्या कर रहे हैं वहीं पता नही हैं। इसका मूल कारण है मन का असन्तुलन। मन की एकाग्रता के लिये आध्यात्मिकता की आवश्यकता हैं और एकाग्रता के लिये परमात्मा के याद की आवश्यकता हैं।
उन्होंने सडक़ दुर्घटना में पीडि़त मृत आत्माओं को शांति एवं पीडि़तों तथा उनके परिवार जनों को मेडिटेशन के माध्यम से मानसिक शक्ति प्रदान की और सभी को मेडिटेशन के माध्यम से शांति की अनुभूति करायी एवं सुरक्षित सडक़ यात्रा के लिये सभी से प्रतिज्ञा करवायी।
आरटीओ अधिकारी मृत्युंजय पटेल ने कहा, कि सभी नागरिकों को सडक़ सुरक्षा नियमोंं में जागरूक होना बहुत जरूरी हैं क्योंकि जागरूकता न होने के कारण ही दुर्घटना की समस्या बढ़ती जा रही हैं और उन्होंने कहा, कि नागरिकों को यह डर अपने अन्दर से निकाल देना चाहिये कि यदि एक्सीडेण्ट में घायल व्यक्ति की मदद करेंगे तो कहीं हम फस न जाये बल्कि उनको उचित चिकित्सा देकर पुलिस की मदद करके अपने कत्र्तव्य को निभाना चाहिये। मदद करनेवालों को पुलिस से कोई भी तकलीफ नही होगी।
महिन्द्रा शो रूम के मालिक रविन्द्र तिवारी ने ब्रह्माकुमारी संस्था के सतत प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, कि सडक़ दुर्घटना में हम अपने परिजन खो दे देते हैं। आत्मा की शान्ति हम उसी समय एक घरेलू कार्यक्रम करके समाप्त कर देते हैं लेकिन उनकी स्मृति हमारे जहन में सदैव रहती हैं। इसलिए कोई भी मोबाइल से बात करते-करते किसी भी तरह के वाहन न चलाये क्योंकि इसी कारण से बहुत तेजी से दुर्घटनायें हो रही हैं।

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