लोधी रोड ई-संगोष्ठी मे व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, नई दिल्ली। नई दिल्ली के लोधी रोड सेवाकेन्द्र द्वारा ‘आभार ही सर्वोत्तम व्यवहार’ विषय पर ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें प्रेरक वक्ता बीके पीयूष ने शिकायत के बजाए शुक्रिया करने का मंत्र देते हुए इस विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अन्य वक्ताओं में नरौरा परमाणु विद्युत केन्द्र के मुख्य अधीक्षक सुधीर शेलके, संस्था के स्पार्क प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके श्रीकांत, प्रभाग की क्षेत्रीय संयोजिका बीके सरोज एवं स्थानीय सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके गिरिजा ने भी अपने विचार साझा किए।
प्रेरक वक्ता बीके पीयूष ने कहा, हमे दूसरों से तारीफ की अपेक्षा नही रखनी चाहिए। जिंदगी में हमें शिकायत नहीं शुक्रिया करना चाहिए। इससे जिंदगी बहुत आसान हो जाती है। संसार की 90 प्रतिशत समस्याएं जुबान के असंतुलित लहजे से पैदा होती है। किसी ने कहा है, हर लह्लज महकता हुआ गुलाब है, लहजे के फर्क से इसे तलवार न बनाओ। किसी ने कहा है कि झुकता वही है जिसमे जान है अकडना तो मुर्दे की पहचान है। किसी के सामने हम किसी का अभिवादन करते है, हम किसी का शुक्रिया अदा करते है तो हमारा अहंकार समाप्त हो जाता है इसलिए हमारी भारतीय संस्कृति में बडों को प्रणाम करना सिखाया जाता है।
नरौरा परमाणु विद्युत केन्द के मुख्य अधीक्षक सुधीर शेलके ने कहा, जब हम दूसरों का आभार व्यक्त करते है तो देहभान खत्म होता है और हमे दूसरों की दुवाएं मिलती है। दुवाओं की लेनदेन करने से हर तरीके से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
स्पार्क प्रभाग, आबू पर्वत के राष्ट्रीय संयोजक बीके श्रीकांत ने कहा, किसी से थोडीसी भी मदद मिले उनका आभार व्यक्त करना चाहिए। आभार और क्षमादान हमारे जीवन के दो महतवपूर्ण आयाम है।
ब्रह्माकुमारीज के स्पार्क प्रभाग की दिल्ली की क्षेत्रीय संयोजिका बीके सरोज ने कहा, आभार का मतलब है कद्र करना। हम दूसरे का आदर तभी कर पायेंगे जब हमारे अंदर उनके प्रति स्वीकार्यता का भाव होगा। किसी के प्रति हम आभार व्यक्त करते है तो हमारे अंदर सकारात्मक सोच जागृत होती है। सवेरे उठते ही भगवान को हमे प्रदान की हुई हर चीज के लिए धन्यवाद कहनेसे हमारे अंदर एक श्रेष्ठ भाव का जागरण होता है और सूक्ष्म रूपसे वह चीज भी आपको डबल लाभ देती है। पानी वैसे निर्जिव दिखाई देता है लेकिन उसे श्रेष्ठ भावसे पिकर देखो कितना लाभ होता है…
लोधी रोड सेवाकेंद्र प्रभारी बीके गिरिजा ने कहा, दूसरों को दिलसे अप्रिशिएट करना सबसे अच्छा व्यवहार माना जाता है। इससे सामनेवाले की दुवाएं मिलती है। धन्यवाद शब्द आपको तनाव खत्म करता है, आपसी संबंध ठीक करता है और हमारा आत्मबल बढ़ाता है।