अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बीके कुसुम के विचार
शिव आमंत्रण, नरसिंहपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में दिव्य संस्कार भवन, नरसिंहपुर सेवाकेन्द्र पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पतंजलि योग समिति के सदस्य आशीष नेमा, नरसिंहपुर सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके कुसुम एवं संस्था के अन्य भाई बहनें उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में बीके कुसुम ने कहा, कि भारत के ऋषि मुनियों ने सिर्फ भारत ही नहीं लेकिन सम्पूर्ण विश्व के कोने कोने में आध्यात्म को और इस योग को फैलाया है। यह योग मन को संतुलित और तन को स्वस्थ बनाने का एक माध्यम बना है। परमात्मा पिता ने भी हम सभी आत्माओं को राजयोग की वह सहज विधि सिखाई है जिससे हम अपने मन को, तन को, समाज को और विश्व को स्वस्थ बना सकते है। आज के विभिन्न योग प्रणाली के द्वारा शारीरिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के योगासन और प्राणायाम आदि सिखाये जाते है। निश्चित ही उससे शरीर स्वस्थ होता है। इसके साथ हमें मन को स्वस्थ करने की भी आवश्यकता है। हमारा मन स्वस्थ तब होगा जब हम अपने आपको आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ करेंगे। आध्यात्मिक स्वास्थ्य हमें सुप्रीम सर्जन परमात्मा आकर प्रदान कर रहे हैं। परमात्मा सर्व शक्तियों का स्त्रोत है, गुणों का सागर है और सर्वश्रेष्ठ सत्ता है। उससे आत्मा का संबंध जुडता है और उस संबंध का नाम हैं राजयोग। यही राजयोग की विद्या आत्मा को शक्तिशाली, पवित्र और गुणों और शक्तियों से सम्पन्न बना देती है। इससे मन स्वस्थ होने के कारण हम तन के रोग पर भी विजय पा सकते हैं। राजयोग केवल तन को तंदुरूस्त नहीं कराता है लेकिन हमारे अंदर छिपे हुए आत्मा के उन मौलिक गुणों को, शक्तियों को जागृत करता है जिससे हम समाज में अपने कर्म और व्यवहार में नैतिकता और चरित्र को धारण कर व्यवहार में ला सकते हैं।
इसके पश्चात सभी भाई बहनों ने योग कॉमेन्ट्री द्वारा राजयोग का अभ्यास कराया । साथ ही पतंजलि योग समिति के सदस्य आशीष नेमा ने सभी भाई बहनों को विभिन्न प्राणायाम एवं योगासन भी करायें ।