जगदम्बा सरस्वती की 56वी पुण्य तिथि पर व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, सारनाथ। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती की 56वी पुण्य तिथि पर संस्था के क्षेत्रीय मुख्यालय ग्लोबल लाईट हाउस के सभागार में क्षेत्रीय संचालिका बीके सुरेंद्र, प्रबंधक बीके दीपेंद्र के साथ हनुमानगढी अयोध्या के महन्त ओंकारदास, डॉ. योगेश्वर सिंह आदि ने जगदम्बा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया ।
कार्यक्रम में पुर्वी उ.प्र. की मुख्य संचालिका बीके सुरेंद्र, प्रबंधक बीके दीपेंद्र, मीडिया एवम जनसम्पर्क प्रभारी बीके विपिन ने इस मौके पर कहा, नारी शक्ति की यथार्थ पहचान, दिव्यता, पवित्रता, सत्यता, सरलता के साथ अनुपम दिव्य शक्तियों की चैतन्य प्रतिमुर्ति जगदम्बा सरस्वती को उनकी रूहानी मातृवत पालना देने की खूबी के कारण युवावस्था में होते हुए भी सभी उन्हे मम्मा कहकर सम्बोधित करते थे । संस्थापक प्रजापिता ब्रह्माबाबा ने संस्था की स्थापना काल में मम्मा को मुखिया बनाकर अपनी चल-अचल सम्पत्ति कन्याओं-माताओ के नाम कर दिया ।
उन्होने अपनी युवावस्था में ही खुद को प्रभु पथ की सफल अनुगामी बनाकर दुखी और बुराईयो से संतप्त मनुष्य आत्माओं को जीवन जीने की सहज राह दिखलाई। उनकी 56वी पुण्य तिथि पर देश-विदेश में स्थित संस्था के लाखो सदस्यों ने उनकी आदर्शमयी जीवन से प्रेरणा लेते हुए जन-कल्याण के आध्यात्मिक पथ पर सदा अग्रसर रहने की प्रतिज्ञा की ।
मम्मा के जीवनवृत्त पर प्रकाश डालते हुए उन्हे नारी सशक्तिकरण के साथ मूल्यों और आदर्शों की उन्होने चैतन्य प्रतिमुर्ति बताया ।
कार्यक्रम का संचालन राजयोग प्रशिक्षिका बीके तापोशी ने किया । बीके निशा एवम् बीके तापोशी के साथ बीके अशोक और लक्ष्मीकान्त पटेल ने मम्मा के प्रति अपने भावों को सुंदर गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। अंत में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया ।