हजारीबाग के पर्यावरण दिवस पर व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, हजारीबाग। विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम हजारीबाग, बड़ा अखाड़ा (झारखंड) सेवा केंद्र पर आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध व्यापारी अंजन दत्ता, एडवोकेट अश्विनी कुमार तथा विवेकानंद स्कूल की शिक्षिका जया श्रीवास्तव, नूतन श्रीवास्तव और राजश्री उपस्थित रहे। सेवा केंद्र संचालिका बीके हर्षा, बीके तृप्ति, बीके महक, बीके मोनिका, बीके शकुंतला उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर फूल के पौधे और कुछ पेड़ जिसमें दादी जानकी के नाम से बरगद का पेड़, दादी गुलजार के नाम से पीपल का पेड़ और दादी इशु के नाम से नीम का पेड़ मुख्य रूप से लगाया गया। साथ ही कुछ इरेक का नींबू, गुलाब, मोगरा इत्यादि फूलों के पौधे भी लगाये गये। सभी ने योग कमेंट्री के माध्यम से प्राकृति को प्रकंपन दिया और प्रतिज्ञा की, कि हम अपने अपने घरों में भी यथा स्थान उचित रूप से पेड़ अवश्य लगाएंगे, साथ ही संरक्षण भी करेंगे। वही बीके हर्षा ने प्रकृति और पेड़ों का महत्व बताते हुए कहा, कि आज कोरोना काल में जब सभी को ऑक्सीजन की जरूरत थी तो बहुत मशक्कत के बाद किसी किसी को ऑक्सीजन मिला और किसी को नहीं मिला। यह सब हमारे ही दुष्कर्म का परिणाम है। अब हमें प्रकृति को सकाश के साथ उचित संरक्षण भी देना है और अपने आप को भी सुरक्षित रखना है।
बीके हर्षा ने सभी को पेड़ से मिल रहे लाभ के बारे में अवगत कराया और कहा, कि पेड़ सदा ही दाता के रूप में हमें देते ही रहते हैं चाहे वह छांव के रूप में, इंधन के रूप में या फल-फूल के रूप में हो जीवन रूपी ऑक्सीजन के रूप में सदा ही वह हमें देते ही रहते हैं। इसलिए हमें इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए।