- राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा के विचार
शिव आमंत्रण, जयपुर। ब्रह्माकुमारीज संस्थान एवं फोर्टी द्वारा ‘धन के साथ दुआएं कमाएं, दर्द नही’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय वेबिनार इनर रेनेसा मे आनलाईन संबोधन पर राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा, भगवान का नाम लेकर ही कोई भी उद्योगपति अपना उद्योग शुरू करते है। ब्रह्माकुमारियां निश्चित रूप से भगवान का रूप है। तीन चार दिन पहले निमंत्रण देने ब्रह्माकुमारियां आयी थी तो मैने उनको बताया, आपके दर्शन हो जाए उसी में हमारा भला है। आध्यात्मिकता से हमारा लगाव है। धंदे में कभी मुनाफा होता है, कभी घाटा भी होता है तो हम ईश्वर का नाम लेकर आगे चलते है तो घाटा भी मुनाफे में परिवर्तित हो जाता है। श्री. मीणा ने कहा, कि वर्तमान समय धन कमाना जरुरी है लेकिन उसे दुआओं के साथ कमायेंगे तो शरीर स्वस्थ रहेगा और अंतरात्मा को सुकून मिलेगा।
मुख्य अतिथि श्री. मीणा के द्वारा ही वेबीनार का उदघाटन किया गया।
इस अवसर पर राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, फोर्टी के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, जीवन प्रबन्धन विशेषज्ञ बीके शिवानी, व्यापार एवं उद्योग प्रभाग की राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर बीके योगिनी, जयपुर सबजोन प्रभारी बीके सुषमा तथा ब्रह्माकुमारीज वैशाली नगर सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके चन्द्रकला समेत कई लोग उपस्थित थे।
फोर्टीज के अध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल ने कहा, आध्यात्मिक ज्ञान के साथ ब्रह्माकुमारी बहने योग की भी ट्रेनिंग देती है। इससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा, अपने सब कर्म सही करते जायेंगे और कर्म सही रहेगा तो हम हर बात मे जीत पाते जाएंगे। पहला एस अध्यात्मिक ज्ञान, दुसरा एस सिंपलिसिटी तो तीसरा एस है स्माईल के लिए। खुश होके आप काम करोगे तो सक्सेस आपके चरणों में आयेगी।
जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ बीके शिवानी ने कहा, कि मनुष्य का जीवन अति श्रेष्ठ है। यदि वह थोड़ा पैसा कमाएं लेकिन दूसरों की दुआओं के साथ कमाएं तो इससे जीवन में सुकुन और शांति मिलती है। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके योगिनी ने कहा, कि हम लोग धनोपार्जन के लिए व्यापार करते है तो उसके साथ लोगों की दुआएं भी कमाएं।
जयपुर सबजोन प्रभारी बीके सुषमा ने धन कमाने में राजयोग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि दुआएं सबसे बड़ा धन है। इसलिए दुआएं कमाए जिससे जीवन में खुशियों का समागम हो।
कार्यक्रम कई विशिष्ट लोगों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये तथा कार्यक्रम के अंत में राजयोगाभ्यास कराया गया।