ब्रहा बाबा के 52वें पुण्य तिथि पर ऑनलाईन कार्यक्रम में जुड़े दुनिया भर से लोग
शिव आमंत्रण,आबू रोड, 19 जनवरी, निसं। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 52वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। इस अवसर पर संस्थान में आयोजित ऑनलाईन कार्यक्रम में दुनिया भर के लोग शरीक हुए। इस अवसर पर ऑनलाईन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ब्रह्माकुमारीज संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि बाबा ने अध्यात्म के जरिए मानव की तमाम समस्याओं के समाधान के तरीके बताये। यदि मनुष्य सही रूप में आध्यात्मिकता द्वारा आन्तरिक विकास कर लें तो उसकी समस्त समस्यायें समाप्त हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि उनके बताये मार्ग पर आज लाखों लोग चल रहे है। जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे है वे ज्यादातर मार्ग दर्शक की भूमिका में है अर्थात लोगों में मूल्यों का संचार कर रहे हैं। बाबा ने जो अध्यात्म की लौ जगाई थी वह आज मशाल की तरह पूरी दुनिया को रोशन कर रही है। जिसमें समूची मानव जाति अपने आप को प्रकाशवान कर रही है। इसलिए तमाम मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए यदि इस मार्ग को अपनाया जाये तो अधिकतर समस्याओं का समाधान हो जायेगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकु मारीज संस्थान के महासचिव बीके निर्वेर ने लोगों से आह्वान किया कि वे इस मौके पर संकल्प लें कि इस हम अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करेंगे। क्योंकि मनुष्य को महान बनाने का दूसरा कोई रास्ता नहीं है। जब मनुष्य के जीवन में मानवीय मूल्य हो तो ही वह महान बनता है। जबकि आसुरी स्वभाव के कारण वह दानव तुल्य हो जाता है। वर्तमान समय इस बात की तस्दीक कर रहा है। इसलिए बाबा के संकल्पों को पूरा करना अर्थात अपने जीवन में मूल्यों को धारण करना।
कार्यक्रम में संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि बाबा ने हमें कहने से ज्यादा करके दिखाया। उनके श्रेष्ठ कदमों के कारण ही आज हम यहॉं अपने जीवन को श्रेष्ठ और महान बनाने के बारे में सोच पा रहे हैं। बाबा के जीवन के प्रत्येक कदम प्रेरणादायी थे। इसलिए हमें उसे जीवन में अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम प्रबन्धिका बीके मुन्नी, संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए बाबा के पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया।
दिनभर चलती रही ध्यान साधना: ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि पर दिनभर ध्यान साधना का दौर चलता रहा। इसमें संस्थान से जुड़े लोग बाबा के कमरे, उनकी समाधि स्थल तथा अन्य स्थानों पर बाबा की यादों में खोये रहे।
भावभीनी श्रद्धांजलि: इसके पश्चात सभी ने बाबा के कमरे तथा उनकी समाधि स्थल पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।