आबू रोड, 25 अगस्त, निसं। ब्रह्माकुमारीज संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 13वीं पुण्य तिथि सादगी पूर्ण मनायी गयी। इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी चुनिन्दा लोगों ने प्रकाश स्तम्भ पर पुष्पांजलि अर्पित कर विश्व बन्धुत्व की कामना की। इस अवसर पर प्रात: काल से ही ध्यान प्रार्थना का दौर चलता रहा। अल सुबह से ध्यान और मेडिटेशन कर विश्व बन्धुत्व की कामना की गयी।इसके बाद प्रात: 8 बजे ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ईशू दादी, संस्थान के महासचिव बीके निर्वैर, सूचना निदेशक बीके करूणा, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, कार्यक्रम प्रबन्धिका बीके मुन्नी, शांतिवन प्रबन्धक बीके भूपाल समेत कुछ वरिष्ठ लोगों ने प्रकाश स्तम्भ पर थोड़े समय मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि दादी ने हमेशा ही अपना जीवन मानवता की सेवा में समर्पित रखा। उनका संकल्प, उनकी सोच सब कुछ बाबा की सेवा में ही समर्पित रही। उन्होंने प्रकृति और पुरूष के संरक्षण के लिए हमेशा कार्य करती रही।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि दादी एक यूनिवर्सल माँ थी। वे जहाँ भी जाती थी वहाँ हर कोई उनका हो जाता था। इसलिए आज भी उनकी यादें लोगों के जेहन में ताजा हो जाती है। हमें दादी के संकल्पों को पूरा करने का संकल्प करना चाहिए। मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा ने कहा कि दादी आध्यात्मिकता की अति उंचाईयों को छू चुकी थी। उनके सामने जाने से ही आत्म दर्शन होने लगता था।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान की कार्यक्रम प्रबन्धिका तथा पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की पूर्व व्यक्तिगत सचिव राजयोगिनी बीके मुन्नी ने दादी के संग के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि दादी के हर कर्म और बोल में मानवता के कल्याण का संकल्प रहता था। उनके लिए चाहे छोटा हो या बड़ा हर कोई अपना समझता था। उनका जीवन विश्व कल्याण के लिए समर्पित था। दादी ने पूरे विश्व में नारी शक्ति की मिसाल कायम की।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, शांतिवन प्रबन्धक बीके भूपाल, ज्ञानामृत के प्रधान सम्पादक बीके आत्म प्रकाश, अम्बावाड़ी सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके शारदा समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
बारिश में सादगी पूर्ण मना पुण्य तिथि: दादी प्रकाशमणि की पुण्य तिथि पर वैसे तो प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहते थे। परन्तु इस वर्ष कोरोना के चलते केवल संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी ही शामिल हुए।
बारिश में संस्था के सदस्यों ने दी श्रद्धांजलि: प्रात: काल से बारिश हो रही थी परन्तु बारिश में भी दादी की श्रद्धांजलि देकर विश्व वन्धुत्व की कामना की गयी।
सोशल डिस्टेसिंग और मास्क का विशेष ध्यान: इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क का विशेष ध्यान रखा गया।