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शक्ति की आराधना और साधना का पर्व है नवरात्र - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
शक्ति की आराधना और साधना का पर्व है नवरात्र

शक्ति की आराधना और साधना का पर्व है नवरात्र

सम्पादकीय

शिव आमंत्रण, आबू रोड। नवरात्र पर्व हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और इसका मुख्य उद्देश्य शक्ति की पूजा के साथ उसकी सम्पूर्णता में खो जाना है। यहां से हमें कुछ महत्वपूर्ण सीख मिलती है। नवरात्र में देवी दुर्गा की पूजा से हमें महिलाओं का सम्मान और महत्व सीखने को मिलता
है। देवी दुर्गा शक्ति की प्रतीक है और हमें महिलाओं में उनकी शक्ति को मान्यता देने की महत्वपूर्णता बताती है। सामर्थ्य: नवरात्र के दौरान, भक्तों को नौ दिनों तक व्रत रखना पड़ता है, जिससे उनका आत्म-नियंत्रण और सामर्थ्य बढ़ता है। यह हमें
आत्म-अनुशासन की महत्वपूर्णता सिखाता है। पौराणिक महत्व: नवरात्र के दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की कथाएँ सुनाई जाती हैं, जो हमें पौराणिक और आध्यात्मिक ज्ञान की ओर मोड़ने का अवसर देती हैं। नैतिक मूल्य यह है कि नवरात्र में भक्ति, त्याग, सहनशीलता और दया की महत्वपूर्णता पर बल दिया जाता है। यह हमें नैतिक मूल्यों की महत्वपूर्णता सिखाता है और हमें एक उदाहरणीय जीवन जीने की प्रेरणा देता है। आत्म-परिवर्तन के रूप में हमें नवरात्र का अर्थ है ‘नौ रातें’, जिसका मतलब है कि इस समय नौ रातों तक हमें अपने आप में परिवर्तन करने का अवसर मिलता है। यह हमें अपने दोषों को सुधारने और अच्छाई की ओर बढ़ने का प्रेरणा देता है। भक्ति और समर्पण: नवरात्री में भक्ति और समर्पण की अद्भुतता होती है।

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