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मन के कोने कोने में छिपी बुराई निकालो तभी बनेगी सच्ची दीपावली - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
मन के कोने कोने में छिपी बुराई निकालो तभी बनेगी सच्ची दीपावली

मन के कोने कोने में छिपी बुराई निकालो तभी बनेगी सच्ची दीपावली

राज्य समाचार हरियाणा

बहल शाखा में दिवाली मनाई बाल दिवस के रूप में

शिव आमंत्रण, बहल। हरयाणा के बहल शाखा में दिवाली का त्यौहार बाल दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर स्थानीय केंद्र प्रभारी बीके शकुंतला ने कहा, कि जैसे हम दीपावली पर घर के कोने कोने की सफाई करते हैं ऐसे ही हमें अपने मन के कोने कोने में छिपी बुराई को भी निकालना है तभी सच्ची दीपावली बनेगी।
इस कार्यक्रम में बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता रखी गई। पेंटिंग प्रतियोगिता का विषय था अच्छे बच्चे व स्वच्छ भारत। पेटिंग प्रतियोगिता में 10 बच्चों ने भाग लिया। बच्चे व उनके अभिभावकों ने प्रतिज्ञा की कि हम दिवाली को प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाएंगे। ना हम पटाखे जलाएंगे, ना फुलझडिय़ां, हम मिट्टी के दीए जलाकर दीपावली मनाएंगे।
बीके शकुंतला ने आगे कहा, कि कहानी के अनुसार यह बताया जाता है कि श्री रामचंद्र जी 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आए थे लेकिन विचार करने की बात है कि दीपावली के दिन श्री रामचंद्र जी का नहीं लक्ष्मी जी का आह्वान किया जाता है। जिसका भावार्थ है कि लक्ष्मी अर्थात सद्गुणों का प्रतीक। उन्होंने बताया कि इस दिन हमें सद्गुणों रूपी लक्ष्मी को घर लेकर आना चाहिए तब ही सच्ची दीपावली मनेगी। दिए से दिया जलाना यह आपसी भाईचारे व प्रेम का प्रतीक है। इस दिन सभी लोग मिठाई खुद भी खाते हैं औरों को भी खिलाते हैं। उन्होंने कहा, कि मिठाई तो थोड़ी देर के लिए मुंह मीठा करती है लेकिन अगर हम मीठे बोल बोले तो हमारे परिवार टूटने से बच सकते हैं और घर घर मे खुशी के दीप जग जाते हैं। जिस घर मे प्रेम होता है, लक्ष्मी जी का निवास भी वही होता है। उन्होंने प्रदूषण मुक्त दीवाली मनाने का आहवान करते हुए सभी को दीपावली, विश्वकर्मा दिवस और भैया दूज की शुभकामनाएं दी। दीपावली के पावन पर्व पर यशिका और तान्या ने बहुत सुंदर नृत्य किया और बच्चों ने सुंदर रंगोली भी बनाई।

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