सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
युवाओं ने लिया मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता करने का संकल्प मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता को बढ़ावा देने आगे आए युवा नशा छोड़ आदर्श जीवन जी रहे लोगों की कहानियों से लोगों को रुबरु कराएं: कलेक्टर शुभम चौधरी मम्मा ने अपने श्रेष्ठ कर्मं, मर्यादा और धारणाओं से आदर्श प्रस्तुत किया विश्वभर में एक करोड़ लोगों को दिया योग का संदेश एक करोड़ लोगों को देंगे राजयोग का संदेश योग को खेती में शामिल करने से होगा पूरे समाज का कल्याण: कुलपति
बच्चों व अभिभावकों के लिए मूल्य शिक्षा पर आधारित आध्यात्मिक कार्यक्रम - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
बच्चों व अभिभावकों के लिए मूल्य शिक्षा पर आधारित आध्यात्मिक कार्यक्रम

बच्चों व अभिभावकों के लिए मूल्य शिक्षा पर आधारित आध्यात्मिक कार्यक्रम

राज्य समाचार हरियाणा

बहल(हरियाणा):- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहल शाखा में स्कूल गोइंग बच्चों व उनके अभिभावकों के लिए एक शिक्षाप्रद कार्यक्रम रखा गया । कार्यक्रम का नाम था *खेल खेल में मूल्यों की शिक्षा* । इस कार्यक्रम का 35 बच्चों और 40 अभिभावकों ने लाभ लिया ।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता बहल सेवाकेंद्र की संचालिका बी के शकुन्तला ने बच्चों को सम्बोधित करते हुवे कहा कि बच्चे भगवान की सृष्टि रूपी बगिया के खुशबूदार और खिलखिलाते पुष्प हैं । कोरोना महामारी के कारण ये बच्चे घरों में कैद हो गये हैं । कोरोना महामारी ने प्रत्येक वर्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है, लेकिन इन कोमल भावनाओं वाले बच्चों को सबसे अधिक कोरोना काल का कष्ट झेलना पड़ रहा है । परिणाम स्वरूप बच्चे जिद्दी स्वभाव के बन गए हैं या तनाव में भी आ गए हैं । बच्चों के साथ उनके अभिभावकगण भी इस दौरान कई परेशानियों के शिकार हुए हैं । उन्होंने बच्चों को तीन सरल और सहज आदतें अपने मे विकसित करने के टिप्स दिए । सदा हाँ जी कहना, सबको प्रेम करना और सबका आदर करना । उन्होंने बच्चों को बोर्ड पर लिख कर समझाया कि यदि आम का मौसम होने पर यदि आपसे कोई आम भी मंगवाए तो आप उसे नही में जवाब देने की बजाय *मैं कोशिश करूंगा*  ऐसे जवाब देंगे तो ना शब्द  कहने से बचेंगे । उन्होंने कहा कि ना कहने वाले को *नास्तिक* कहा जाता है  ओर हाँ जी कहने वालों को किस्मत भी हाँ जी कहती है। ऐसे ही उन्होंने कहा कि हमे सबको प्यार करना चाहिए । छोटे बहन भाइयों को, प्रकृति को, पशु पक्षियों को,  अपने विद्यालय को ,दूसरे धर्म व जाती वालों को ,और सबसे अधिक अपने आप से हमे बहुत प्यार होना चाहिए । उन्होंने आगे कहा कि अपने बड़ों का आदर करने वाले बच्चे ढेर सारी दुआओं के पात्र बन जाते हैं ये दुआएं सारी आयु  धन और विद्या से भी बड़े धन के रूप में काम आती हैं ।  बच्चों को चित्र के माध्यम से बताया गया कि एक चाकू को मम्मी प्रयोग करती है तो हमे स्वादिष्ट भोजन मिलता है,एक डॉक्टर प्रयोग करता है तो जीवन मिलता है लेकिन उसी चाकू को जब एक डाकू प्रयोग करता है तो जीवन देने की बजाय जीवन ले लेता है । इसमें चाकू का कोई दोष नही, बल्कि  हम अच्छे सुखदायी कर्म करने से महान आत्मा, पुण्य आत्मा,देव आत्मा बनते है ।लेकिन बुरे व दुखदायी कर्म करने से पापात्मा, दुष्ट आत्मा कहलाते हैं । उन्होंने बच्चों को अभी से ही जीवन मूल्यों को व्यवहार में ढालने की नसीहत दी । इस अवसर पर ढिगावा मंडी केंद्र की संचालिका बी के पूनम बहन ने बच्चों को म्यूजिकल चेयर गेम के द्वारा मनोरंजन किया और कहा कि आप बच्चे सदा विजयी हैं और सदा विजयी रहेंगे । आपकी कभी हार हो नही सकती । हमे खेल को खेल भावना से खेलना है, हार जीत में  सदा समान रहना है । उन्होंने बच्चों से हाथ उठवा कर असल जीवन मे सदा विजयी बनने की प्रतिज्ञा भी कराई । अंत मे सभी ने प्रसाद और ब्रह्मा भोजन  स्वीकार किया । बच्चों के अभिभावकों ने ऐसे शिक्षा सहित मनोरंजन के कार्यक्रम बार बार करने की जिज्ञासा व्यक्त की । म्यूजिकल चेयर गेम में विजयी रहने वाली छोटी बालिका भावना को बी के शकुन्तला ने सम्मानित किया  ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *