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हम अपना परिवर्तन करके ही सच्ची समाज सेवा कर सकते हैं: बीके सीता दीदी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
हम अपना परिवर्तन करके ही सच्ची समाज सेवा कर सकते हैं: बीके सीता दीदी

हम अपना परिवर्तन करके ही सच्ची समाज सेवा कर सकते हैं: बीके सीता दीदी

मुख्य समाचार
  • समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन
उत्तरकाशी नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सामवाल संबोधित करते हुए।

शिव आमंत्रण, आबू रोड/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ के शांतिवन परिसर स्थित डायमंड हाल में चल रहे समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को मेडिटेशन सेशन के साथ समापन हो गया। मूल्य आधारित सेवा द्वारा समृद्ध समाज की पुनर्स्थापना विषय आयोजित इस सम्मेलन के समापन सत्र में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सामवाल ने कहा कि जिस दिव्यता और अलौकिकता का अनुभव हुआ, उसे शब्दों में नहीं कह सकता। मैं यहां आने के बाद चिंतामुक्त और क्रोधमुक्त हो गया। ऐसा वातावरण मैंने और कहीं नहीं देखा है। यह परमात्मा की कृपा है जो हम यहां आए हैं। मातृ शक्तियां इस संस्था का सफल संचालन करते हुए सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति और श्रेष्ठ समाज की स्थापना का पुनीत कार्य कर रही हैं। यह बहुत बड़ी बात है।
समापन सत्र की मुख्य वक्ता महाराष्ट्र अमरावती से आईं प्रभाग की क्षेत्रीय संयोजिका बीके सीता दीदी ने कहा कि हम समाज सेवकों को आपस में एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। किसी का भी साथ ना छूटे। परमात्मा की मत पर चलने वालों की हमेशा जीत होती है। पानी की एक-एक बूंद मिलकर सागर का रूप ले लेती है। एक बूंद से किसी की प्यास बुझ नहीं सकती लेकिन सागर सारी दुनिया की प्यास बुझा सकता है। इसलिए हमें मिलकर समाज सेवा करनी है। जीवन में धैर्यता बहुत जरूरी है। उतावलेपन में किया गया कार्य कभी सफल नहीं होता या पूर्ण सफलता नहीं मिलती है। हमारे अन्दर क्षमा भाव होना चाहिए। यदि क्षमा भाव नहीं है, बदले की भावना है तो हमारे कर्मों की बैलेंस शीट में नुकसान ही पाएंगे।

अमरावती से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।

समाजसेवा एक संगठित प्रयास है-
बीके सीता बहन ने कहा कि इस संसार में ऐसी सुन्दर दुनिया थी जो आज नहीं है। उस दुनिया का पुर्ननिर्माण करने के लिए हम सभी समाज सेवियों का दायित्व है। वैसा संसार बनाने के लिए हमारे अन्दर जिन गुणों और विशेषताओं की आवश्यकता है, उन्हें अवश्य धारण करना चाहिए। हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि जैसा व्यवहार हम औरों से चाहते हैं, वैसा व्यवहार हमें भी औरों के साथ करना होगा। सुन्दर समाज के निर्माण के लिए आत्म चिन्तन की आवश्यकता है। हम अपना परिवर्तन करके ही सच्ची समाज सेवा कर सकते हैं। समाज सेवा एक संगठित प्रयास है और इस संगठन का संचालक स्वयं परमपिता परमात्मा है। इसलिए हमें अपने टीम लीडर परमपिता परमात्मा की आज्ञा अनुसार चलना होगा, तभी हम सच्ची समाज सेवा कर सकेंगे।

सम्मेलन में मौजूद लोग।

प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके प्रेम भाई ने कहा कि आप सभी यहां से संकल्प लेकर जाएं कि अपनी जीवनशैली में आध्यात्मिकता का समावेश करेंगे। सागवाड़ा से पधारी राजयोगिनी पद्मा बहन ने राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से गहन शांति की अनुभूति कराई। मंच संचालन डूंगरपुर राजस्थान से पधारीं प्रभाग की अतिरिक्त क्षेत्रिय संयोजिका बीके विजया ने किया। इंदौर से आए रोटरी इंटरनेशनल के असिस्टेंस गवर्नर बीके राकेश बामोरिया ने आभार व्यक्त किया। अमरावती से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। समापन पर सभी वक्ताओं और अतिथियों का सम्मान किया गया।

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