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सौ बेटियां बनीं शिवप्रिया, परमात्मा को बनाया जीवनसाथी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
सौ बेटियां बनीं शिवप्रिया, परमात्मा को बनाया जीवनसाथी

सौ बेटियां बनीं शिवप्रिया, परमात्मा को बनाया जीवनसाथी

मुख्य समाचार
  • शिवलिंग को वरमाला पहनाकर ईश्वरीय सेवा का लिया संकल्प
  • देशभर से आए पांच हजार लोग बने इस महासमर्पण के साक्षी
  • अलौकिक दिव्य समर्पण समारोह में गुजरात से आए 75 कलाकारों ने दी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति


 शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)।
 सौ बेटियां अध्यात्म की राह पर चलते हुए शिवप्रिया बन गईं। शिवलिंग को वरमाला पहनाकर परमात्मा शिव बाबा को अपना जीवनसाथी बनाया और आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का संकल्प लिया। मौका था ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित अलौकिक दिव्य समर्पण समारोह का। इसमें देशभर से उच्च शिक्षित बीए, एमए, एमकॉम, डॉक्टरेट बेटियों ने अपने माता-पिता और परिजन के सामने संयम पथ पर चलने और ईश्वरीय सेवा का संकल्प लिया। इस महासमर्पण के पांच हजार से अधिक लोग साक्षी बने।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि धन्य हैं वह माता-पिता जिन्होंने अपनी लाड़लियों को ईश्वरीय सेवा में अर्पित किया है। यह अपने आप में महान कार्य है। आप सभी जिस सेवाकेंद्र पर रहें, वहां खुश रहें, प्रसन्न रहें और परमात्मा का नाम रोशन करें।सौ बेटियां अध्यात्म की राह पर चलते हुए शिवप्रिया बन गईं। शिवलिंग को वरमाला पहनाकर परमात्मा शिव बाबा को अपना जीवनसाथी बनाया और आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का संकल्प लिया। मौका था ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित अलौकिक दिव्य समर्पण समारोह का। इसमें देशभर से उच्च शिक्षित बीए, एमए, एमकॉम, डॉक्टरेट बेटियों ने अपने माता-पिता और परिजन के सामने संयम पथ पर चलने और ईश्वरीय सेवा का संकल्प लिया। इस महासमर्पण के पांच हजार से अधिक लोग साक्षी बने।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि धन्य हैं वह माता-पिता जिन्होंने अपनी लाड़लियों को ईश्वरीय सेवा में अर्पित किया है। यह अपने आप में महान कार्य है। आप सभी जिस सेवाकेंद्र पर रहें, वहां खुश रहें, प्रसन्न रहें और परमात्मा का नाम रोशन करें।

शिवलिंग को वरमाला पहनाकर बनाया अपना जीवनसाथी।

इन्होंने भगवान को ही जमाई बना लिया-
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी ने कहा कि आप सभी माता-पिता बहुत भाग्यशाली हैं जो भगवान को ही जमाई बना लिया। अपनी कन्या के लिए सबसे अच्छा घर और वर ढूंढा है। आप कितना भाग्यशाली हैं कि आपकी बेटी कभी विधवा नहीं होगी, वह सदा सुहागिन रहेगी। इन बेटियों का भी परम सौभाग्य है कि इन्होंने अपना जीवन ही परमात्मा की सेवा में लगा दिया। संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके सुदेश दीदी ने कहा कि युवावस्था में संयम का मार्ग अपनाना अपने आप में प्रेरक और महान कार्य है।

समारोह में मौजूद देशभर से आए लोग। 

यह दिन इन बेटियों का सदा याद रहेगा-
अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि आज जिन कुमारियों का समर्पण हो रहा है उन्हें जन्म देकर संस्कारित करने वाले माता-पिता धन्य हैं। परम सौभाग्यशाली हैं जो अपनी बेटी को परमात्मा की सेवा में समर्पित कर रहे हैं। आज का दिन इन बेटियों के लिए सदा याद रहेगा। इन कन्याओं को इस लायक बनाया कि वह ब्रह्माकुमारी बन सकीं, इनकी टीचर्स ब्रह्माकुमारी बहनों का भी बड़ा त्याग है। इस मौके पर, मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्म प्रकाश भाई ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन बीके शारदा दीदी ने किया।

परमात्मा को साक्षी मानकर पांच हजार लोगों की मौजूदगी में सौ बेटियों ने लिया संयम पथ पर चलने

समर्पण में सभी बहनों को कराए यह मुख्य तीन संकल्प-
समर्पण समारोह में बहनें दुल्हन की तरह सज-धजकर स्टेज पर बैठीं, जहां वरिष्ठ दीदियाें ने सभी को एक-एक संकल्प पत्र दिए और यह तीन संकल्प कराए-
पहला मैं आज से मन-वचन-कर्म से परमात्मा को अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर रही हूं। आज मैं परमात्मा शिव को साजन, पति के रूप में स्वीकार करती हूं। मैं यह निर्णय अपनी स्वेच्छा से ले रही हूं।
दूसरा- मैं सदा इस ईश्वरीय यज्ञ के बनाए नियम-मर्यादा में रहकर चलूंगी, सेवा करुंगी और सदा अपनी आध्यात्मिक उन्नति के लिए योग-साधना को अपने जीवन का लक्ष्य बनाऊंगी।
तीसरा- इस ईश्वरीय यज्ञ, परिवार की वरिष्ठ दीदियां ईश्वरीय सेवा के लिए जहां रहने, सेवा करने के लिए कहेंगे वहां खुशी-खुशी सेवा के लिए जाने को तैयार रहूंगी। विपरीत परिस्थिति में भी खुश रहते हुए सेवा के लिए हर बात में हां, जी का पाठ पक्का करुंगी। भगवान के घर में जो खाने-पीने मिलेगा उसका सदा खुश-राजी रहूंगी।

राजकोट से आए कलाकारों के दल ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।

झलकियां-
मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने स्वागत गीत और समर्पण गीत की शानदार प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अहमदाबाद से आईं सुप्रसिद्ध गायक डॉ. बीके दामिनी बहन ने अपने मधुर आवाज से समारोह में समां बांध दिया।
राजकोट से आए कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक से प्रकृति संरक्षण से लेकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाई, यातायात सुरक्षा, जल संरक्षण का संदेश दिया।
75 से अधिक कलाकारों ने देशभर की अलग-अलग संस्कृतियों की प्रस्तुति देकर समारोह में गरिमा बढ़ाई।

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