जीवन में सुख और दु:ख का चक्र तो चलता ही रहता है जैसा कि हमारे देश और दुनियां में कोरोना जैसी महामारी गरीब अमीर किसी को देख कर अटैक नहीं कर रहा है। पता नहीं कौन इसका शिकार बन जाए, फिर भी जो व्यक्ति अपना मनोबल हाई रखकर सरल जीवन जीने की कला जान चुके हैं वे अपने समाज और देश-दुनियां के लिए प्रेरणादायी बन जाते हैं। ऐसा ही प्रेरणादायी जीवन का अनुभव समेटे हुए एक बॉलीवुड अभिनेत्री अंकिता लोखंडे जो इस महामारी के दौरान मेडिटेशन का अभ्यास कर जीवन को संतुलित कर जीना सीख औरों के लिए प्रेरणादायी बन चुके हैं। आईये जानते हैं उनका अनोखा अनुभव।
मैं अंकिता लोखंडे एक भारतीय टीवी और फिल्म एक्ट्रेस हूँ। मुझे जाने-माने टीवी शो पवित्र रिश्ता से घर-घर में पहचान मिली। इस टीवी सीरियल में मैं बॉलीवुड अभिनेता स्व. सुशांत सिंह राजपूत के साथ नजऱ आयीं थी। टीवी के बाद बॉलीवुड में फिल्म मणिकर्णिका में हमने काम किया। जिसमें हमनें झलकारी बाई की भूमिका निभाई है। मेरा जन्म19 दिसम्बर1984 को मध्यप्रदेश के इंदौर में महाराष्ट्रियन परिवार में हुआ। मेरे पिता शशिकान्त लोखंडे पेशे से बैंकर और मां वन्दना पेशे से टीचर हैं। मेरे दो छोटे भाई-बहन सूरज लोखंडे और ज्योति लोखंडे हैं। मैं बचपन से ही एक्टिंग की शौक़ीन रही। 2005 में स्नातक करने के बाद मेरे एक्टिंग का ज्जबा मुझे इंदौर से मुंबई खींच लाया। कॉलेज के समय मैं राज्य स्तरीय की बैडमिन्टन खिलाड़ी भी रह चुकी हूँ।
ऐसा रहा एक्टिंग करियर :-
हमने टीवी करियर की शुरुआत वर्ष 2006 में टैलेंट हंट रियलिटी शो आईडिया जी सिनेस्टार से की थी। इसके बाद मुझे टीवी की दुनिया सबसे पहला और बड़ा ब्रेक एकता कपूर के शो पवित्र रिश्ता में मिला। इस शो में हमने दो भूमिकायें अदा की, अर्चाना और अंकिता की। इस शो से करीबन 5 वर्ष तक जुड़ी रही। इस शो से मुझे बेहद लोकप्रियता मिली और हमें घर-घर अर्चना नाम से पहचाना जाने लगा। वर्ष 2011 में डांस रियल्टी शो झलक दिखला जा सीजन 4 में मैं नजर आयीं। उसी साल रियल्टी शो कॉमेडी सर्कस में कपिल शर्मा के साथ स्टैंडअप कॉमेडी में भी मुझे चांस मिला। वर्ष 2013 में एकता कपूर की फिल्म एक थी डायन को प्रमोट करने के लिए उनके द्वारा निर्मित मिनी सीरिज एक थी नायका में मैं भी नजर आयीं थी, इसमें हमने प्रज्ञा की भूमिका अदा की थी। आज मैं ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान से जुडक़र मेडिटेशन का अभ्यास कर खुद को संतुलित रखती हूँ। जिसका मैंने अपने व्यक्तिगत जीवन में काफी अनुभव किया है।
आज की सबसे ज्यादा जरूरत शांति:-
आज के दौर में हमें सबसे ज्यादा किसी चीज की जरूरत है वो है शांति। क्योंकि जिस तरीके से इस दुनिया में दुख-अशांति बढ़ती जा रही है जो बहुत कुछ तितर-बितर कर रखी है। लेकिन उसमें हमें अपना पेशेंस नहीं खोना, बहुत शांत रहना है। मुझे पता है कि अब बहुत मुश्किल वक्त चल रहा है। हम सबको अभी टाइम लगेगा इस सिचुएशन से निकलने के लिए। लेकिन हमें अपना सब्र नहीं खोना, सब कुछ पीसफुली लेना है। हमें सबसे ज्यादा जरूरत है अपने दिमाग को स्थिर रखने की। क्योंकि दिमाग स्थिर नहीं होगा तो हमारा कुछ भी एलाइनमेंट में नहीं आ सकता है। इसलिए सबसे इंपॉर्टेंट है ब्रेन को स्थिर रखना। इसलिए इस चीज के लिए सबसे ज्यादा जरूरत है मेडिटेशन का रोजाना अभ्यास करना। भल मुश्किल होता है स्टार्टिंग में शुरुआत करने के लिए। लेकिन एक बार जब हम शुरू करते तब हमारी आदत बन जाती है। फिर आप उसके बिना नहीं रह सकते हैं, मुझे इस बात का पूरा विश्वास है।
लाइफ को शेड्यूल कर इंजॉय करें :-
पूरे इस लॉकडाउन के पीरियड में मैंने सिर्फ एक ही चीज की है कि मैंने अपनी लाइफ को बहुत शेडूल में रखा। क्योंकि जब आप रोज काम कर रहे होते हैं तो आपको कुछ भी पता नहीं चलता। एक दिन आप अगर अचानक घर में बैठ जाएंगे तब जाकर पता चलेगा कि क्या-क्या काम करने को है और क्या नहीं। फिर अपनी लाइफ को शेड्यूल कर बहुत इंजॉय करें। हर एक कर्म के प्रोसेस को इंजॉय करना होगा। मैंने अपनी लाइफ को शेड्यूल करके बहुत इंजॉय करती हूं। अब मैं रोज सुबह 5: 00 बजे उठ मेडिटेशन करती हूं। अपने घर में ऐसी कोई म्यूजिक लगा कर रखती हूं जिससे मेरे मन को और मेरे घर को शांति मिल सकें। अगर आप अपने बच्चों को सुकून देना चाहते हैं तो आपको पहले अपने आप को सुकून देना पड़ेगा। अपने आपको अच्छे से बिल्कुल संभालना होगा। हम जानते और चाहते हैं कि हमारा पूरा परिवार हेल्दी रहे हमेशा खुश रहे तो पहले हमें खुद को खुश रखना बहुत जरूरी है। पहले अपने आप को बिल्कुल संतुलन कर देखना है कि हम सही तरीके से बिल्कुल रेडी हैं। जब मजबूत होंगे तभी आप दूसरे को मदद कर पाएंगे और दूसरों को कुछ नसीहत सलाह दे पाएंगे।
वापस एक नई जिंदगी शुरू करें :-
यह दु:ख क्या समय हमेंशा के लिए नहीं रहने वाला है जैसे आया है वैसे चला जाएगा। हमें ऐसी सिचुएशन में एक दूसरे का साथ देना पड़ेगा। अपने परिवार के साथ वक्त बिताने का आपको एक मौका मिला है इसे आप नहीं खोएं। आप अपने समय को अच्छी तरह से खर्च करें। मैंने सिस्टर शिवानी जी के एक क्लास में सुना था कि लोग हमेशा कहते हैं कि मुझे टाइम नहीं मिलता- टाइम नहीं मिलता लेकिन आज आपके पास बहुत सारा टाइम है। इस टाइम को आप यूटिलाइज करें और अपने परिवार को अच्छी चीजें, अच्छा प्रेम अच्छी यादें दीजिए। कुछ ऐसी चीजें कीजिए जो वह चीज आपकी जिंदगी भर जुड़ी रहे। ऐसा महसूस कीजिए कि हर वक्त हमारे जीवन में कुछ नया हो रहा है। जीवन में कभी ऐसा मौका नहीं आया कि पूरा दुनिया और देश बंद पड़ा था। ऊपर वाले की तरफ से हमें एक मौका मिला है हम अपने आप को रिपेयर कर पाएं और वापस एक नई जिंदगी शुरू करें।
खुद को प्रिपेयर कर चार्ज रखें :-
अपने आप को हमेशा प्रिपेयर करें, जैसे जब फोन की बैटरी खत्म होने वाली होती है तो वह या तो खत्म हो जाती है या वह एक तरह से मर जाती है। जैसे ही आप उसे चार्ज करते हैं तो वह एक्टिव हो जाता है। उसी तरह यह पीरियड में हम अपने आप को मेडिटेशन से चार्ज कर लें। और विशेष इतना ही कहना चाहूंगी कि आप के आस पास जितने भी बुजुर्ग लोग हैं उनका बहुत ध्यान रखें। परमात्मा के बाद मां बाप से बढक़र और कोई चीज नहीं इस दुनिया में। मैं यह नहीं सकती हूं कि वृद्ध आश्रम जैसी चीजें बंद हो जाए या हो जानी चाहिए। लेकिन ऐसी नौबत ही नहीं आनी चाहिए कि हम अपने बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में डालने जाएं। मैं बुजुर्गों से बहुत प्यार करती हूं आप भी करें और उन्हें वृद्ध आश्रम में जाने ना दें। हमसब खुद अपने आसपास के बुजुर्ग की सेवा करेंगें। उनसे बात कर उनकी मदद करें।
अपने दिमाग को संतुलित कर अपने आप को बहुत मोटिवेट रखें :- जो पक्षी एनिमल है हमारे आसपास उनकी भी हम देखभाल कर मदद करें। जो जानवर बेचारे बाहर घूम रहे हैं उसका भी खाने-पीने का मदद हम कर सकते हैं। कितने लोग कोशिश कर रहा है एक दूसरे को मदद करने के लिए या जानवरों को मदद करने के लिए उसे हमें नहीं देखना है। हमें आगे बढ़ हर किसी जरूरतमंदो की मदद करनी होगी तभी हमेें देख और लोग आगे आयेगें। स्वस्थ रहने के लिए रोजाना मेडिटेशन के साथ एक्सरसाइज भी कीजिए जब आप यह कर पाएंगे तभी आप पूरे परिवार को सुखी रख शांति से जी पाएंगे और अच्छा वातावरण दे पाएंगे। मैं सब से विनती करना चाहूंगी कि अपने दिमाग को संतुलित कर अपने आप को बहुत मोटिवेट रखें।