शिव आमंत्रण। आध्यात्म अर्थात् आत्मा का अध्ययन। परमात्म शक्ति से आत्मिक शक्तियों को जागृत करना। आध्यात्म की धारा नित, निरंतर, नूतन, नए प्रयोगों और अनुभवों पर आधारित होती है। आत्मिक चेतना का अभ्यास जितना गहराईपूर्ण और अनुभवयुक्त अवस्था की ओर बढ़ता है तो अनुभवों की माला उनती ही महीन और मजबूत बनती जाती है। आध्यात्म […]
अंतर्मन- परमात्म श्रीमत अर्थात्शि वबाबा की एक-एक समझानी की जीवन में धारणा हो… हमेशा हिम्मत रखना, हिम्मत है, तो मदद है ही है… अगर मैं खुशी वाले संकल्प करता हूं तो मेरे भीतर खुशी बढ़ती है और अगर मैं दु:ख वाले संकल्प करता हूं तो मेरे भीतर दु:ख बढ़ता है। परमात्मा शिवबाबा हम बच्चों […]
एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधू नें उसे एक ताबीज दिया और कहा की राजन इसे अपने गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब तुम्हें लगे की बस अब तो सब ख़तम होने वाला है, परेशानी के भंवर में अपने को फंसा पाओ, कोई […]
शिव बाबा कहते हैं स्वदर्शन चक्रधारी होने से पाप भी कटेंगे। हम सभी ने बाबा की मुरलीयों में सुना है। स्वदर्शनचक्रघुमाने से तुम्हारे पाप कट जायेंगे। मनमनाभव होने से पाप कटेंगे। बीजरूप से पाप कटेंगे। तो स्वदर्शनचक्रधारी होने से भी पाप कटेंगे। तो पांचों स्वरूपों का अभ्यास स्वदर्शनचक्र का अभ्यास है। रोज सुबह यदि उठकर […]