- राष्ट्रपति ने किया “नई भारत के लिए नई शिक्षा”राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ
शिव आमंत्रण, संबलपुर (ओडिशा) ब्रह्माकुमारीज़ के पावन सरोवर रिट्रीट सेंटर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने “नई भारत के लिए नई शिक्षा” राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि परिवार से ही मनुष्य की शिक्षा आरंभ होती है और मां ही हमारी पहली शिक्षक है। शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए। शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्य एवं नैतिक शिक्षा का समावेश होना अति आवश्यक है। नई शिक्षा नीति भारत को पुनः विश्व गुरु की पदवी से सुशोभित करेगा।ब्रह्माकुमारीज विश्व स्तर में मानव समाज के कल्याण अर्थ आध्यात्मिक शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। ब्रह्माकुमारी संस्था भारत सरकार के नशा मुक्त अभियान, जैविक खेती सहित सामाजिक जागरण कार्यक्रमों में प्रमुख सहयोगी है। राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि आधुनिक और विकसित भारत के लिए आध्यात्मिक शिक्षा आवश्यक है। ब्रह्माकुमारीज़ इस दिशा में सबसे आगे है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि बच्चों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से अधिक हृमन इंटेलिजेंस (HI) जरूरी है। माउंट आबू से पधारीं शिक्षा विभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी बीके शीलू दीदी ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए इंटेलिजेंस को शेंट IQ के साथ स्प्रीचुअल को शेंट (SQ) को बढ़ाना जरूरी है। पश्चिम ओडिशा की सबजोन निदेशिका राजयोगिनी बीके पार्वती दीदी ने स्वागत किया। कार्यक्रम में चार हजार से अधिक भाई-बहन उपस्थित थे। प्रारंभ में उड़ान ग्रुप के बच्चों ने संबलपुरी गीत पर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति ने बहनों को शिव ध्वज और कलश देकर “नूतन भारत के लिए नूतन शिक्षा” कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विधायक नाउरी नायक एवं कटक से बीके नथमल भाई भी उपस्थित रहे। संचालन बीके डॉ. लीना दीदी ने किया।