- सुरक्षा सेवा प्रभाग का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
- सुरक्षा अधिकारी-जवानों ने कर्म फिलॉसफी, स्लीप मैनेजमेंट, राजयोग मेडिटेशन की बारीकियां सीखीं
शिव आमंत्रण, आबू रोड/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ के आनंद सरोवर परिसर में आयोजित सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया। सम्मेलन में तीनों सेनाओं जल, थल और वायु सेना के अधिकारी और जवानों ने भाग लिया। साथ ही असम राईफल्स, नौसेना, सीमा सुरक्षा बल, सीआरपीएफ से भी अधिकारी पहुंचे।
माउंट आबू से आए सीआरपीएफ के डीआईजी डीएस राठौर ने कहा कि जीवन को आसान बनाना है हम सभी को यह निश्चय करना होगा कि हम एक आत्मा हैं। हम पवित्र, पावरफुल, सुंदर आत्मा हैं। यह बात यहां जानने को मिली। सुरक्षाबल के लोग तनाव से कैसे दूर रह सकते हैं यह बात यहां जानने को मिली। यहां सीखा है कि हम परमात्मा से हम कैसे एनर्जी ले सकते हैं। खुश कैसे रहना है यह बात यहां सीखी है। खुश रहना भी एक कला है। हमारे अंतर्मन को बाहरी परिस्थितियां डिस्टर्ब न कर सकें यह कला जरूर सीखें। यहां हमने सीखा कि कर्म फिलॉसफी कैसे काम करती है। हमारे अच्छे-बुरे कर्मों का फल कैसे मिलता है।
लेफ्टिनेंट कर्नल विकास चौहान ने कहा कि पांच दिन तक आपने यहां जो ज्ञान प्राप्त किया उसे जीवन में आत्मसात करने के लिए सात दिन का राजयोग मेडिटेशन कोर्स करना जरूरी है। यहां से जाकर सभी अपने-अपने स्थान पर राजयोग कोर्स जरूर करें। भगवान ने कहा है कि बच्चा बनेंगे तो बचे रहेंगे। हम भाग्यवान हैं कि भारत देश में जन्म लिया। जीवन में कठिनाइयां आएंगी लेकिन आप सेफ रहेंगे। संस्थान के महासचिव बीके निर्वैर भाई ने कहा कि सुरक्षा से जुड़े सभी बहादुर अधिकारी-जवानों को सलाम करते हैं। आप सभी यहां से जो सीखकर जा रहे हैं उसे अपनी जीवन में अपनाएंगे तो निश्चित रूप से आपके जीवन में परिवर्तन आएगा।
यहां का मैनेजमेंट बहुत अच्छा है-
दिल्ली से डीआरडीओ के कैप्टन शिव सिंह भाई ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन के नियमित अभ्यास से लाखों लोगों का जीवन बदल गया है। आप सभी भी अपने जीवन में जरूर शामिल करें। सम्मेलन में भाग लेने आए कोस्ट गार्ड से डिप्टी कमांडर श्रीपाल ने अनुभव सुनाते हुए कहा कि यहां मेडिटेशन की नई विधि सीखने को मिली। यहां का मैनेजमेंट बहुत ही व्यवस्थित है। हर कोई स्वेच्छा से सेवा कर रहा है। सीमा सड़क संगठन से आए रामवीर सिंह ने कहा कि हमें जीवन में किन बातों की जरूरत है वह यहां सिखाया गया। यहां जाना कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है, क्यों जीवन मिला है, क्या करना है। इस दौरान सेवा सुरक्षा विंग के अध्यक्ष अशोक गाबा, प्रभाग की उपाध्यक्ष राजयोगिनी शुक्ला दीदी, बीके सारिका बहन, मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बनारसीलाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।