शिव आमंत्रण, आबू रोड/राजस्थान। 15 अगस्त को हमारा देश इस वर्ष 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए अनेक वीर-वीरांगनाओं ने अपनी कुर्बानी दी जिसे हम भूल नहीं सकते। हमें उस गुलामी से तो मुक्ति मिल गई लेकिन हम सबके मन के अंदर अनेक व्यसन, बुराई, विकार रूपी अंग्रेज घुसकर मन को गुलाम बना कमजोर करते जा रहे हैं। हमारे देश की जनसंख्या की 37% युवा जो कोई ना कोई बुराई, विकारों से ग्रसित होता जा रहा है। 140 करोड़ की जनसंख्या वाला यह देश युवाओं के स्वर्णिम भविष्य पर निर्भर करता है। आज जो युवा काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष व्यसन, बुराई से आजाद होने के लिए जब तक राजयोग\ मेडिटेशन का अभ्यास निरंतर नहीं करेंगे तब तक इन व्यसन बुराइयों से आजादी नहीं मिल सकती। इसलिए राजयोग द्वारा अपने विकारों पर जीत पाकर मन जीते जग जीत बनकर आत्मा को सच्ची आजादी देने के लिए परमात्मा की याद में अपने को शरीर के जगह आत्मा महसूस करें। तभी आत्मा सच्ची आजादी पा सकती है। तभी हमारा समाज, देश दुनिया अपराधों, बीमारियों दुखों से मुक्त होकर स्वर्णिम युग की तरफ अग्रसर होगा। भारत विश्व गुरु बनकर पूरे विश्व पर राज करेगा। इसलिए आत्मा की स्वतंत्रता ही हमारी सच्ची आजादी है। मन की आजादी के लिए एकमात्र जरिया अध्यात्म ही है। अध्यात्म में ही मन की सभी समस्याओं का समाधान समाया हुआ है।
आत्मा की स्वतंत्रता ही वास्तव में सच्ची आजादी
August 11, 2023 सम्पादकीयखबरें और भी