सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
शिविर में 325 रक्तवीरों ने किया रक्तदान सिरोही के 38 गांवों में चलाई जाएगी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल परियोजना व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाएंगे तो लाइट रहेंगे: राजयोगिनी जयंती दीदी राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया हर्बल डिपार्टमेंट का शुभारंभ  मप्र-छग से आए दस हजार लोगों ने समाज से नशे को दूर करने का लिया संकल्प चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन वैश्विक शिखर सम्मेलन (सुबह का सत्र) 6 अक्टूबर 2024
विश्व बन्धुत्व के साथ करोना मुक्ति के लिए श्रद्धांजलि सभा में प्रार्थना और ध्यान - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
विश्व बन्धुत्व के साथ करोना मुक्ति के लिए श्रद्धांजलि सभा में प्रार्थना और ध्यान

विश्व बन्धुत्व के साथ करोना मुक्ति के लिए श्रद्धांजलि सभा में प्रार्थना और ध्यान

मुख्य समाचार

दादी प्रकाशमणि की पुण्य तिथि मनायी, विश्व शांति की कामना

शिव आमंत्रण, नई दिल्ली।आबू रोड, 25 अगस्त, निसं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 14वीं पुण्य तिथि शांति सदभावना, वसुधैव कुटुम्बकम के साथ करोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना सभा कर श्रद्धाजलि मनायी गयी। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन स्थित प्रकाश स्तम्भ पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी, बीके संतोष, संस्था की अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, मल्टी मीडिया चीफ बीके करूणा समेत संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कुछ मिनट मौन रहकर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी और विश्व बन्धुत्व की कामना के साथ करोना से मुक्ति के लिए भी संकल्प किया।
इस अवसर पर मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि दादी का जीवन हमेशा मानव मात्र की सेवा में समर्पित था। महिलाओं के उत्थान तथा मानव कल्याण के लिए हमेशा प्रयासरत रही। उन्होंने जीवन में मूल्यों को प्रमुखता से स्थान दिया। साथ ही दूसरों के आन्तरिक सशक्तिकरण के लिए हमेशा पहल करती थी। समाज के सभी वर्गों में सामाजिक उत्थान के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया करती थी। देश और दुनिया भर में उन्होनें बेहतरीन कार्य किया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि दादी एक मॉं की तरह थी। वे हमेशा अपने बच्चे की तरह पालना करती थी। वे चाहती थी कि मानव का जीवन श्रेष्ठ और महान बनें। इसलिए वे विश्व की दादी की तरह प्रसिद्ध हुई। लोग उन्हें दादी मॉं कहते थे। दादी की व्यक्तिगत सचिव तथा वर्तमान में संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी ने कहा कि मुझे ऐसे मूल्यों से संवारा जिससे आज मैं इस मुकाम पर हूॅं। उनका जीवन ही संदेश था। जिधर वे जाती उधर एक सदभावना और प्यार की खूशबू फैल जाती थी। यही वजह है कि आज यह संस्था वट वृक्ष की भांति बड़ी हो गयी। संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके संतोष समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मल्टी मीडिया चीफ बीके करूणा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, ज्ञानामृत के प्रधान सम्पादक बीके आत्म प्रकाश समेत कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।
चुनिंदा लोगों ने दी श्रद्धांजलि: दादी की स्मृति में बने प्रकाश स्तम्भ पर संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने ही पुष्पांजलि दी। इसके साथ शांतिवन में रहने वाले लोगों ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए पुष्प अर्पित कर विश्व शांति की कामना की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *