आत्म निर्भर कृषि ट्रेनिंग में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, मेहसाना। गुजरात के मेहसाना सेवाकेंद्र और कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा आत्म निर्भर कृषि ट्रेनिंग का आयोजन उत्तर गुजरात क्षेत्र के किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु किया गया जिसका विषय रहा एरंडी फसल की यौगिक खेती। इस अवसर पर प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके राजू ने किसान भाइयों से शाश्वत यौगिक खेती एवं खेती में योग का प्रयोग कैसे करें उसकी विधि साझा की और उनमें उमंग-उत्साह भर जीवन की नई शुरूआत करने का आहवान किया। वहीं दांतीवाड़ा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एम जी चौधरी ने जैविक खेती एवं एरंडी के फसल के बारे में अपने अनुभव बताए।
बीके राजू ने कहा, कोई भी चीज की सिध्दि के लिए विधि को जानना बहुत जरूरी होता है। तो जो भी हमारे वैज्ञानिक खेती करने की भिन्न विधियां बताते है उसके अनुसार हम विधिपूर्वक खेती करते है तो सफलता तो हमारा जन्मसिध्द अधिकार है। लेकिन ब्रह्माकुमारीज में सिखाया जानेवाला राजयोग एक ऐसी सुंदर विद्या है पवित्र विचारों के द्वारा फैलाये प्रकंपन जलवायु परिवर्तन में अच्छी खासी मदद करते है।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इह्लको कारडेट कलोल के ट्रेनिंग ऑफिसर बीके जिग्नेश ने किसानों के प्रश्नों का समाधान बताया। बीके शीतल ने कॉमेंट्री द्वारा योग की अनुभूति कराई। अंत में प्रभाग की अध्यक्षा बीके सरला ने भी अपनी प्रेरणाएं दी और बीके चंद्रेश ने सभी का आभार व्यक्त किया।