स्पार्क विंग की 26वीं मीटिंग में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, आबुरोड। ‘रिटर्न जर्नी’ विषय पर आयोजित स्पार्क विंग की 26वीं वार्षिक मीटिंग एवं अनुभूति रिट्रीट के आगे के सत्रों में यूरोप की डायरेक्टर बीके जयंति ने ‘क्लीन एवं क्लीयर इंटिलेक्ट’ विषय पर तो जर्मनी की निदेशिका बीके सुदेश ने स्प्रीचुअल आर्ट द्वारा चरित्र का निर्माण विषय पर विस्तार से चर्चा की।
इस मौके पर बीके जयंति ने कहा, शिव बाबा चाहते है कि हमारी बुध्दि स्वच्छ हो जिसको पारस बुध्दि कहते है। पारसबुध्दि बनेंगे तो शिव बाबा के साथ आपका संबंध जुट जायेगा। अच्छे या बुरे के प्रभाव में आते है तो उस प्रभाव के कारण हमारा बुध्दियोग सीधा बाबा के साथ नही जायेगा।
बीके सुदेश ने कहा, आज के हिसाब से जो रिअलिटी है, जो नेचुरल है, जो ओरिजिनल है आर्टिस्ट उसका पिक्चर बनाता है। परंतु जो स्प्रिच्युअलिटी है वो कैरेक्टर बनाती है। जब हम स्प्रिच्युअल आर्ट को डेवलप करते है तो चित्र नही परंतु चरित्र बनता है। और वो चरित्र इतना विचित्र होता है, इतना वंडरफुल होता है कि उसका चित्र चित पर छप जाता है वो है ईश्वरीय ज्ञान।
अगले सत्र में राष्ट्रीय संयोजक बीके श्रीकांत ने प्रभाग की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी और प्रभाग के अध्यक्ष बीके अंबिका ने सभी को पॉवरफुल मेडिटेशन का अभ्यास कराया।
अंत में प्रभाग द्वारा नई विधि से तैयार की गयी साइन्स बेस्ड स्प्रीचुअल प्रदर्शनी और हैल्थ वैल्थ प्रदर्शनी का प्रशिक्षण भी दिया गया।