ब्रह्माकुमारीज़ और एनजीओ के वेबीनार में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, कुआलालुंपुर। गुजरे पिछले दशक के अनुभवों को लेकर आने वाले दशक को बेहतर बनाने के लिए कुछ निर्णय लेने और सिद्धान्त बनाने की जरूरत है इस मंसा को लेकर ब्रह्माकुमारीज़ मलेशिया और आत्महत्या को रोकने के लिए प्रयासरत एनजीओ ‘स्नेहम मलेशिया’ ने मिलकर एक ऑनलाईन टॉक ‘शो मेक अ डिफ रेन्स इन द न्यू मेलेनियम’ का आयोजन किया जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर स्नेहम मलेशिया की फाउण्डर एवं प्रेसिडेंट डॉ. फ्लोरेंस, कन्सल्टेंट चाइल्ड एंड एड्लोसेंट साइकेट्रिस्ट डॉ. लाई फांग हवा, कन्सल्टेंट कॉर्डियोलॉजिस्ट एंड इलेक्ट्रो फिजिय़ोलॉजिस्ट डॉ. सरवनन, भारत से कन्सल्टेंट फिजिसियन एंड इनटेंसीविस्ट डॉ. बीके सचिन, ब्रह्माकुमारीज़ में मलेशिया के निदेशक बीके लेचु, रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट बीके किरुबा शामील हुअे और इस विषय पर गहराई से मंथन किया।
डॉ. लाई फांग हवा ने कहा, मेडिटेशन अपने ब्रेन को जादा आक्सिजन देने मे सहायक होता है और अपनी सेहत को चेलेंजीस स्वीकारने के लिए तैय्यार करता है।
बीके लेचु ने कहा, मेडिटेशन आपको शक्ति प्रदान करता है। कोई भी समस्या को एक विशिष्ट अंतर से देखने मे और उसका समाधान करने में सहायक होता है।
बीके डॉ. सचिन ने कहा, कोरोना संक्रमण काल ने हमे सिखाया है कि एक जगह हम रहने को मजबूर हुए तो क्या करना चाहिए। फ्रीडम का महत्व क्या है यह भी इस काल ने दिखा दिया है।