चौथा ध्यान कुम्भ मेला ऑनलाइन में बीके बिन्नी के विचार
शिव आमंत्रण, ऋषिकेश। पिरामिड स्प्रिचुअल सोसाइटी मूवमेंट एवं स्वामी नारायण आश्रम द्वारा हर साल उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा के किनारे ध्यान कुंभ मेला आयोजित किया जाता है जिसके माध्यम से लोगों को ध्यान, ऊर्जा, शाकाहार के बारे में जागरूक किया जाए। इसको अपनाने के लिए सरल तरीके बताए जाते है। इसमें म्यूजिक मेडिटेशन के अलावा स्वास्थ्य से संबंधित तमाम विषयों पर कार्यशाला भी आयोजित की जाती है। इस वर्ष कोरोना की वजह से यह चौथा ध्यान कुम्भ मेला ऑनलाइन आयोजित किया गया।
इस डिजिटल महा योग ध्यान कुम्भ को पीएसएसएम के निदेशक ब्रह्मर्षि पितामह पत्रीजी समेत विभिन्न क्षेत्रों से प्रख्यात हस्तियों ने संबोधित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारिज के मुख्यालय से ग्लोबल पीस इनिशिएटिव की रीजनल डायरेक्टर डॉ. बिन्नी सरीन को मिराकल्स ऑफ मेडिटेशन विषय पर उद्बोधित करने के लिए विशेष आमंत्रित किया गया।
इस मौके पर ब्रह्मर्षि पितामह पत्रीने कहा, जब सबका देखते है तो हमे मालूम पडता है कि हमे क्या करना है? किसी का भी नही सुनेंगे, किसी को भी नही देखते है तो फिर क्या करेंगे? अंधकार मे रह जायेेंगे। सबको सुनेंगे, सबको देखेंग, परखेंगे तो हमे समझ में आता है कि हमे क्या करना है। क्या करना है – ध्यान करना है। क्या करना है – स्वाध्याय करना है।
ब्रह्माकुमारिज से बीके बिन्नी ने कहा, परमात्मा के लिए क्लिअर रहे इसके लिए तीन चीजे जरूरी है। उसमे आता है चूज, चेंज अण्ड चीअर। प्रॉपर चूज करे। जरूरी नही है कि जो लोग कह रहे है वही मुझे करना है। मुझे चूज क्या करना है? जब ठीक नही लगता तो चेंज कर दीजिए और खुश रहिए, चीअरफुल रहिए। क्योंकि मेडिटेशन का बहुत बडा मिरेकल है इनर हैपिनेस।