तिरूवन्नामलाई सेवाकेंद्र आयोजित वेबीनार में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, तिरूवन्नामलाई। तमिलनाडु के तिरूवन्नामलाई सेवाकेंद्र द्वारा विशेष रूप से महिलाओं के लिए फेसिंग फ्यूचर विदाउट फियर विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर क्राइम अगेंस्ट वुमेन एण्ड चाइल्ड की एडीएसपीजी वनीता, जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी डॉ. क्रिस्टीना टी. डोर्थी, चाइल्ड लाइन स्कूल की प्राचार्या जी. लक्ष्मी, तिरूवन्नामलाई सेवाकेंद्र की निदेशिका बीके उमा मुख्य वक्ता रहीं।
इस मौके पर अतिरिक्त सुप. ऑफ पुलिस श्रीमती जी वनिता ने कहा, कि हमें डर का सामना करने के लिए अपने दिमाग और शरीर को मजबूत करना चाहिए। साथ ही उसने कहा कि हम अपने रास्ते में आनेवाले अवसरों का लाभ लेकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उसने अपने जीवन का मिसाल दिया। उसने जोर देकर कहा कि अपना लिया हुआ लक्ष्य हासिल नही हुआ तो उसके उपर आत्महत्या यह उपाय नही है।
डॉ. क्रिस्टीना टी. डोरथी ने कहा, कि हमें अपनी चेतना को मैं से हमारे ऊपर स्थानांतरित करना चाहिए। अगर हम समूह में हैं तो डर को दूर कर सकते हैं। डर का सामना करने के लिए, हमें अपने आसपास के लोगों के प्रति विश्वास, भगवान पर विश्वास और आत्मविश्वास होना चाहिए। उन्होंने कहा, कि सरकार महिलाओं और बच्चों के लिए हर वक्त समर्थन बढ़ा रही है।
श्रीमती जी लक्ष्मी ने कहा, कि हमें डर का सामना करने के लिए साहस होना चाहिए लेकिन हमारे अंदर कोई चीज के प्रति हठ नहीं होना चाहिए। हमें दूसरों की आलोचना पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि हमें उस उद्देश्य की ओर बढऩा चाहिए जो हमने अपने जीवन के लिए निर्धारित किया है।
बीके उमा ने कहा, कि कोरोना फिजिकल वायरस है, फियर मेंटल वायरस है। उन्होने कहा, डर का सामना करने के लिए सकारात्मकता विकसित करनी चाहिए। हमें मेमोरी बैंक में सकारात्मक विचार जमा करने होंगे। हम अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने भाग्य को निर्माण कर सकते हैं। हम स्वर्णिम युग के निर्माण के बारे मे सदा विचारशील रहना चाहिए और भय पर काबू पाने के लिए भगवान पर भरोसा करना चाहिए।