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दुनिया भर में दादी ने बढ़ाया नारी शक्ति का मान-मोहिनी दीदी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
दुनिया भर में दादी ने बढ़ाया नारी शक्ति का मान-मोहिनी दीदी

दुनिया भर में दादी ने बढ़ाया नारी शक्ति का मान-मोहिनी दीदी

मुख्य समाचार
  • दादी जानकी के 5वें स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि, हजारों लोग रहे उपस्थित

शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। 27 मार्च,निसं। ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी की 5वीं स्मृति दिवस श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। इस दौरान उनके समाधि स्थल शक्ति स्तम्भ पर संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतमनमोहिनी, अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयेागिनी मोहिनी दीदी, जयन्ति दीदी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी, बीके शशि, बीके संतोष, बीके सुदेश दीदी, अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा, बीके मृत्युंजय, डॉ प्रताप मिडढा समेत वरिश्ठ पदाधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर अपनी भावनायें अर्पित की।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी मोहिनी दीदी ने कहा कि दादी जानकी ने उस दौर में पश्चिम के देशों में राजयोग ध्यान को प्रतिस्थापित किया जब महिलाओं के लिए कठिन दौर था। दादी ने अपने तप और त्याग से नारी को शक्ति का एहसास कराया। आज पूरा विश्व उनके इन बताये मार्ग का अनुसरण कर रहा है। दादी का जीवन हमेशा ही दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत रहा है।

इस दौरान संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयन्ति दीदी ने कहा कि मैं बचपन से उनके साथ रही। उनके बोल और कर्मों में इतनी दिव्यता थी कि जो भी उनके सामने आता वह उनका ही होकर रह जाता था। उनके शक्तिशाली प्रेम के आगे पूरी दुनिया में जाति धर्म की दीवारों को तोड़ दिया। संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी, बीके सुदेश दीदी तथा बीके संतोष दीदी ने भी अपनी भावनायें अर्पित की।

श्रद्धांजलि सभा में अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा ने कहा कि दादी के हमेशा ही शक्ति रुप था। सत्यता की शक्ति इतनी कि व्यर्थ और निगेटिव क्या होता है। उन्हें पता ही नही था। इसी कारण उन्हें मोस्ट स्टेबल माइंड इन द वर्ल्ड का खिताब भी मिला था। बीके मृत्युंजय, बीके डॉ प्रताप ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये।

उनके आवास पर किया गया यादः दादी के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद उनके आवास पर भी उन्हें याद किया गया। उनके कमरें एवं ध्यार कक्ष में संस्थान के वरिष्ठ भाई बहनों ने अपनी भावनायें व्यक्त की।  

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