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हर व्यक्ति के प्रति भाव अच्छे रहे तो निकलती है पॉजिटीव एनर्जी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
हर व्यक्ति के प्रति भाव अच्छे रहे तो निकलती है पॉजिटीव एनर्जी

हर व्यक्ति के प्रति भाव अच्छे रहे तो निकलती है पॉजिटीव एनर्जी

राजस्थान राज्य समाचार

राजस्थान पुलिस के लिए आयोजित सेशन में व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, माउण्ट आबू। ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा राजस्थान पुलिस के लिए त्रिदिवसीय स्पेशल सेशन आयोजित किए गए। जिसमें स्ट्रेस मैनेजमेंट थ्रू सेल्फ अवेयरनेस विषय पर जबलपुर से प्रेरक वक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल विकास चौहान तथा जयपुर से राजयोग शिक्षिका बीके एकता ने सम्बोधित किया।
इस मौके पर विकास चौहान ने कहा, जब हम मेडिटेशन सीखते है तो आनेवाले जीवन मे जो तनाव है उस से डील करने का एक आसान रास्ता मिल जाता है। जैसे कि आम तौर पर हम लोग देखते है कि ये तनाव का माहोल है। तनाव को हम नॉर्मली टेन्शन या स्ट्रेस भी कहते है। हालांकि ये लैटिन शब्द से निकला है जिसका मतलब है स्ट्रिंजियर। स्ट्रिंजियर का अर्थ है खिंचा हुआ या चारो तरफ से ख्ंिाचावट महसूस करनेवाली चीज।
बीके एकता ने कहा, जब हम मेडिटेशन करते है या चलते फिरते भी इसका अभ्यास करते है मन को बुध्दि को वो दे जिससे हमे अच्छा महसूस होता है, अच्छी फिलिंग आती है। खाने के मामले में हम चुजी होते है ना, जो हमे अच्छा लगता है वो खाये। दाल-रोटी भी ऐसी बनी है तो वो भी अच्छी लगती है। हम अपने अंदर की एनर्जी को बढ़ाये। यही हमारी जो एनर्जी है वो हमारे साथीयों को मिलती है। यदि हम आम जनता की सेवा पर उपस्थित है जो हमे बडे विश्वास की नजरोंसे देख रही है उनको भी हम शक्ति दे पाते है।
दूसरे सत्र का विषय रहा सेल्फ एम्पावरमेंट, जिसमें जयपुर के वैशाली नगर सेवाकेन्द्र की प्रभारी बीके चंद्रकला ने प्रेजें़टेशन के माध्यम से आयोजित विषय पर प्रकाश डाला। तीसरे और आखरी सत्र में मुख्य वक्ता के रुप में राजस्थान के रानी सेवाकेन्द्र से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके अस्मिता ने हारमनी इन रीलेशनशिप एंड मेडिटेशन टेक्नीक विषय पर चर्चा की।
बीके चंद्रकला ने कहा, ज्ञान आत्मा का गुण है, आत्मा ज्ञान चाहती है। ज्ञान का मतलब है समझ। ज्ञान, शुध्दता, शांति, प्रेम, आनंद, खुशी और शक्ति ये हम आत्मा के ओरिजनल क्वालिटीज है।
बीके अस्मिता ने कहा, सबसे पहले हमे इस बात को इंपॉर्टन्स देना है कि हमारा अपने साथ सम्बन्ध बहुत अच्छा होना चाहिए। याने हम खुद खुद को प्यार करे। हम खुद खुद को रिस्पेक्ट करे। खुद खुद को अप्रिसिएट करे, खुद खुद का एक्सेप्ट करे। यानी मै जो हूं, जैसा हूं अपने आप को पसंद करता हूं। मै स्वयं से प्यार करता हूं, स्वयं को वैल्यू देता हूं यह बहुत बहुत इंपार्टंट है। आध्यात्मिकता हमे सीखाती है कि हर व्यक्ति के प्रति हमारे भाव अच्छे होने चाहिए ताकि हर व्यक्ति को हमसे पॉजिटीव एनर्जी जाए। हमसे उसे पॉजिटीव जायेगा तो हमे भी उस से पॉजिटीव ही मिलेगा।
इस ऑनलाइन सेशन में राजस्थान से आर.पी.टी.सी, किशनगढ़, पी.टी.एस. भरतपुर, पी.टी.एस. खेरवाड़ा तथा झालावाड़ के पुलिसकर्मी मुख्य रुप से शामिल हुए, जिसमें अधिकारियों द्वारा इस कार्यक्रम की सराहना भी की गई।

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