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मानसिक विकृतियों से मुक्ति को अध्यात्म की गहराई में जाना जरूरी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
मानसिक विकृतियों से मुक्ति को अध्यात्म की गहराई में जाना जरूरी

मानसिक विकृतियों से मुक्ति को अध्यात्म की गहराई में जाना जरूरी

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सादे तौर पर मनाया ब्रह्माबाबा का 52वां स्मृति दिवस, कोविड 19 नियमों की अनुपालना के तहत हुए साधना के कार्यक्रम

शिव आमंत्रण,माउंट आबू, 18 जनवरी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि अध्यात्म की गहराई की अनुभूति किए बिना मानसिक विकृतियों में उलझे मन को शांत करना असंभव है। विश्व में मूल्यों को जमीनी हकीकत पर बढ़ावा देना बड़ा कार्य है लेकिन सामुहिक रूप से इस कार्य को संपन्न करना कोई मुश्किल नहीं है। अध्यात्म को जीवन में प्राथमिकता देना समय की पुकार है। वर्तमान संसार में बदल रहे हालात को देखते हुए मनोबल को बढ़ाने के लिए राजयोग का नियमित अभ्यास करना जरूरी हो गया है। ईश्वर से योग लगाने से ही स्वयं के जीवनचरित्र को संवारा जा सकता है। यह बात उन्होंने सोमवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन में संगठन के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के ५२वें स्मृति दिवस पर कही।
संगठन के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन में राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड १९ गाइडलाईन के तहत सादे तौर पर मनाये गए स्मृति दिवस पर संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी पूर्णशांता ने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने स्वयं को त्याग, तपस्या की साक्षातमूर्त बनाकर अनेकानेक मनुष्यों के मन में विश्वकल्याण की भावना के बीच बोए। जो वटवृक्ष की तरह आज समूचे विश्व में फलीभूत हो रहे हैं।
ज्ञान सरोवर निदेशिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा कि जीवन में अविनाशी सुख, समृद्धि व खुशहाली के लिए त्यागवृत्ति होना जरूरी है। व्यर्थ विचारों का त्याग करने से ही तपस्या की सीढिय़ों पर चढक़र मुक्ति, जीवनमुक्ति का अनुभव किया जा सकता है।
राजनीतिक सेवा प्रभाग अध्यक्ष बीके बृजमोहन आंनद ने ब्रह्मा बाबा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए समाज के हर वर्ग की समभाव से नि:स्वार्थ सेवा करने पर बल दिया।
खेल प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीके शशि बहन ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने शिव परमात्मा के ज्ञान का स्पष्टीकरण कर समाज के विभिन्न वर्गों को एकमत बनाने की प्रबल शिक्षाएं दी। देह में विराजमान आत्मा परमपिता परमात्मा की सन्तान है, इस स्मृति से आत्मिक शक्तियों की ऊर्जा का प्रवाह जीवन चरित्र को श्रेष्ठ बनाने में मदद करता है।
इस अवसर पर शिक्षा प्रभाग अध्यक्ष बीके मृत्युजंय, शिक्षा प्रभाग उपाध्यक्ष बीके शीलू बहन, ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा आदि ने भी ब्रह्मा बाबा के जीवन चरित्रों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का आहवान किया।
कोविड १९ नियमों की अनुपालना में राजयोगी श्रद्धालू सवेरे से ही प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के समाधि स्थल शान्ति स्तम्भ पर मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए साधना करते रहे। राजयोग का अभ्यास कर विश्व में शान्ति के शक्तिशाली प्रकम्पन्न प्रवाहित किए।

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