आनलाइन बात करते हुए बीके सुदेश
शिव आमंत्रण, कुवैत सिटी। वीकनेस यानी कमजोरी वा थकान। ये थकान अगर शारीरिक हो तो वक्त के साथ दवाइयों से ठीक होने की सम्भावना होती है लेकिन अगर ये मानसिक है तो इसमें कोई भी दवाई काम नहीं आ सकती। इसपर एकमात्र उपाय है योग एवं सकारात्मक विचार। इन्ही कुछ गहन बातों पर अपने विचार रखे जर्मनी में ब्रह्माकुमारिज की निदेशिका बीके सुदेश ने। ब्रह्माकुमारिज कुवैत द्वारा आयोजित सेशन गोल्डन की टू लॉक द डोर ऑफ वीकनेस पर वो संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर बीके सुदेश ने कहा, कोरोना महामारी आने के बाद सबको देश – विदेश स्तर पर लॉकडाउन करना पडा। नही करते तो जान की बाजी थी। यह जबरदस्ती करना पडा लेकिन नकारात्मक सोच के कारण हम दुख ले रहे है और खुशी और आनंद का जीना दुख से जी रहे है। तो खुशी से जीने के लिए नकारात्मकता को लॉक डाउन कर क्यों न हम सकारात्मकता को अपनाये? हमारे पास खुशी का बहुत खजाना है लेकिन हमने नकारात्मकता में उसको लॉक कर के रखा हुआ है।