सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
थॉट लैब से कर रहे सकारात्मक संकल्पों का सृजन नकारात्मक विचारों से मन की सुरक्षा करना बहुत जरूरी: बीके सुदेश दीदी यहां हृदय रोगियों को कहा जाता है दिलवाले आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ और स्वस्थ समाज थीम पर होंगे आयोजन ब्रह्माकुमारीज संस्था के अंतराष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू दादी को डॉ अब्दुल कलाम वल्र्ड पीस तथा महाकरूणा अवार्ड का अवार्ड एक-दूसरे को लगाएं प्रेम, खुशी, शांति और आनंद का रंग: राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी
इस विद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक की साक्षी रही हूं: दादी रतनमोहिनी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
इस विद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक की साक्षी रही हूं: दादी रतनमोहिनी

इस विद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक की साक्षी रही हूं: दादी रतनमोहिनी

मुख्य समाचार
  • चार दिवसीय शताब्दी महोत्सव शुरू, देश-विदेश से आए लोगों ने व्यक्त किए अपने उद्गार
  • 25 मार्च को होगा समापन, राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी का किया गया सम्मान

शिव आमंत्रण,आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ के शांतिवन मुख्यालय में शुक्रवार से चार दिवसीय शताब्दी महोत्सव का आगाज हो गया। महोत्सव में चार दिन तक देशभर से आए संत-महात्मा और अलग-अलग क्षेत्रों की जानीं-मानीं हस्तियां अपने विचार व्यक्त करेंगी। साथ ही मुंबई से आए कलाकार नृत्य, नाटक के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। वहीं शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।
महोत्सव के शुभारंभ पर मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि मुझे परमात्मा के कार्य में सेवा का मौका मिला। इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थापना से लेकर आज तक इसकी साक्षी रही हूं। मेरे जीवन का अनुभव है कि जब हम कोई कार्य समाज के लिए निस्वार्थ भाव से करते हैं तो जीवन में आत्म संतोष मिलता है, खुशी रहती है। बचपन से ही संकल्प था कि यह जीवन समाज सुधार, समाज कल्याण के लिए लगाना है। दूसरों के लिए जीना ही असली जीवन है।
अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि दादी ने अपना पूरा जीवन विश्व कल्याण और लोगों की भलाई के लिए लगा दिया। आज दादी जी के मार्गदर्शन में एक दो नहीं वरन हजारों बहनें विश्व कल्याण में जुटी हैं। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि परमात्मा और ब्रह्मा बाबा ने जिस विश्वास और भरोसे के साथ दादीजी को जिम्मेदारी सौंपी उन्होंने उससे कई गुना बढ़कर अपने कर्मों से उदाहरण पेश किया। अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि दादी का जीवन नारी शक्ति की मिसाल है। कार्यकारी सचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने कहा कि आज यह विश्व विद्यालय देश सहित विदेश में आध्यात्म का शक्तिपुंज बनकर लोगों को जीने की नई राह दिखा रहा है। इसे आज यहां तक पहुंचाने में दादीजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

शताब्दी समारोह में दादी का स्वागत नृत्य करते कलाकार

बच्चों ने प्रस्तुति से बांधा समां-महोत्सव में मुंबई से आए चांद मिश्रा एवं ग्रुप के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसमें आध्यात्मिक गीतों पर बच्चों ने अपनी कला बिखेरी। वहीं मुंबई से आईं कुमारी वैष्णवी ने डांस की जोरदार प्रस्तुति दी। गुजरात से आईं बीके दीपिका ने कविता पाठ किया।

I have been a witness to this school from its inception till today: Dadi Ratanmohini
केक काटते अतिथि

इन्होंने भी व्यक्त किए विचार-इस मौके पर महासचिव बीके निर्वैर भाई, संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी, बीके संतोष दीदी और बीके शशि दीदी, मुंबई से आईं घाटकोपर सबजोन की निदेशिका बीके नलिनी दीदी, मलेशिया की निदेशिका बीके मीरा दीदी, हैदराबाद के शांति सरोवर की निदेशिका बीके कुलदीप दीदी, युवा प्रभाग की उपाध्यक्ष बीके चंद्रिका दीदी, जयपुर सबजोन निदेशिका बीके सुषमा दीदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मधुर वाणी ग्रुप के कलाकारों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन जयपुर की बीके चंद्रकला दीदी ने किया।
150 किमी की ड्ाई फ्रूट की पहनायी मालाः इस शताब्दी महौत्सव को खास बनाने के लिए कानपुर सबजोन की ओर डेढ़ सौ किग्रा ड्ाई फ्रूट की माला पहनायी गयी। इसमें मखाना, किसमिस, काजू तथा बादाम का इस्तेमाल किया गया था। इसे 15 लोगों को 10 दिन में बनाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *