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आध्यात्मिकता और नैतिक, मूल्य शिक्षा से ऊंचा उठेगा समाज का स्तर: डॉ. बीके मृत्युंजय भाई - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
आध्यात्मिकता और नैतिक, मूल्य शिक्षा से ऊंचा उठेगा समाज का स्तर: डॉ. बीके मृत्युंजय भाई

आध्यात्मिकता और नैतिक, मूल्य शिक्षा से ऊंचा उठेगा समाज का स्तर: डॉ. बीके मृत्युंजय भाई

मुख्य समाचार
  • तीन दिवसीय 65वीं ऑल इंडिया एडल्ट एजुकेशन कॉन्फ्रेंस का शुभारं
  • देशभर से यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भाग लेने पहुंचे
  • भारतीय शैक्षिक परिदृश्य में परिवर्तन लाने में आजीवन शिक्षा विषय पर किया जा रहा है आयोजन

शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)।  ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय शांतिवन के राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि ट्रेनिंग सेंटर में तीन दिवसीय 65वीं ऑल इंडिया एडल्ट एजुकेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए देशभर से यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पहुंचे हैं। एजुकेशन विंग द्वारा भारतीय शैक्षिक परिदृश्य में परिवर्तन लाने में आजीवन शिक्षा विषय पर आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में पीएचडी कर रहे अनेक शोधार्थी उपरोक्त विषय पर अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत करेंगे।

कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ पर एजुकेशन विंग के अध्यक्ष व अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आध्यात्मिकता, नैतिक और मूल्य शिक्षा से समाज के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जा सकता है। आज तेजी से गिरते सामाजिक व नैतिक मूल्य चिंता का विषय हैं। एजुकेशन विंग के माध्यम से हम विद्यार्थियों को आध्यात्मिकता और मूल्य शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। विंग की उपाध्यक्ष बीके शीलू दीदी ने कहा कि व्यक्ति कितनी भी डिग्रियां प्राप्त कर ले लेकिन यदि उसके जीवन में आध्यात्मिक व नैतिक मूल्य नहीं हैं तो वह सब व्यर्थ हैं। मूल्यों के समावेश से ही समाज स्वस्थ और सुखी बनेगा।

कॉन्फ्रेंस का दीप जलाकर शुभारंभ करते हुए अतिथि।

मूल्य शिक्षा को बढ़ावा देना होगा –

आईएईए की निदेशिका कल्पना कौशिक ने कहा कि आईएईए संगठन देशभर में विभिन्न यूनिवर्सिटी, ओपन यूनिवर्सिटी, डिस्टेंस एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से सामाजिक व प्रौढ़ शिक्षा व मूल्य शिक्षा को बढ़ाने देने के लिए कार्यरत है। 65वीं कॉन्फ्रेंस ब्रह्माकुमारीज़ में करना बहुत ही गर्व का विषय है। आईएईए के अध्यक्ष प्रो. एल राजा ने स्वागत भाषण देते हुए सभी से यहां तीन दिन तक कॉन्फ्रेंस का पूरा लाभ लेने का आहृान किया।

कॉन्फ्रेंस में मौजूद देशभर से आए प्रोफेसर।

शिक्षा सतत चलने वाली प्रक्रिया है-

नई दिल्ली के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडल्ट एंड लाइफलांग एजुकेशन के चेयरमैन प्रो. एनके अंबासत ने कहा कि शिक्षा जीवनभर चलने वाली सतत प्रक्रिया है। यदि मन में जज्बा हो तो किसी भी उम्र में हम पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। देशभर में ऐसे अनेकों उद्वाहरण हैं जब लोगों ने सेवानिवृत्ति के बाद अपनी पढ़ाई पूरी की। शिक्षा से ही देश का समुचित विकास होगा। पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है, मन में लगन और विश्वास है तो उम्र के किसी भी पड़ाव में पढ़ाई कर सकते हैं।

देशभर में 36 यूनिवर्सिटी से किया एमओयू साइन-

ब्रह्माकुमारीज़ के वैल्यु एजुकेशन के निदेशक डॉ. पांड्यामणि भाई ने कहा कि एजुकेशन विंग द्वारा देशभर की 36 से अधिक यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन कर शिक्षा में आध्यात्मिकता और मूल्य शिक्षा पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इससे हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। संचालन मीडिया विंग की मुख्यालय संयोजिका बीके चंदा बहन ने किया। आभार आईएईए के नेशनल एंथेरन एससी खंडेलवाल ने व्यक्त किया।

आईएईए की ओर से इन्हें दिए गए अवार्ड-

कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ पर अतिथियों द्वारा नेहरु लिक्ट्रेसी अवार्ड डॉ. मदन सिंह, के. शिवा कुमार, अकरम खान को, टैगोर लिक्ट्रेसी अवार्ड से वैनगेनिंग वूमन एंड गर्ल्स सोसायटी, प्रो. डॉ. वी रघु और डॉ. केजीवीनो अरम को, आईएईए स्पेशल अवार्ड रंजना रॉय को और लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से केसी चौधरी को सम्मानित किया गया।

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