अंबाला छावनी के दयाल बाग स्थित ब्रह्माकुमारीज़ सेवा केंद्र एवं आर ई आर एफ, माउंट आबु, राजस्थान के महिला प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान मे महिला सशक्तिकरण विषय पर “शी” नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण पर विभिन्न विशेषज्ञों ने चर्चा की | कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रह्माकुमारीज़ अंबाला सबजोन की डाइरेक्टर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी ने की | बतौर मुख्य वक्ता, महिला प्रभाग, आर ई आर एफ, माउंट आबु, राजस्थान की मुख्यालय समन्वयक ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने वक्तव्य में कहा की महिलाओं के साथ दुष्कर्म, घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या जैसी समस्याओं के पीछे हमारी सांस्कृतिक मान्यताएं जुड़ी हुई है | साथ ही हमारी सामाजिक एवं धार्मिक मान्यताएँ भी पुत्र द्वारा ही अनेक क्रिया कर्म करवाए जाने को उचित मानती हैं | यूं तो कन्या दान को सबसे बड़ा दान माना जाता है परंतु इसके बावजूद भी दहेज के रूप में धन को ही प्राथमिकता दी जाती है | माता पिता को चाहिए कि वो अपने बच्चों की परवरिश करते समय लड़के लड़की में अंतर न करें | अनेक प्रयासों के बावजूद जो सुरक्षा महिला को मिलनी चाहिए वो मिल नहीं पाई | जीवन में समस्याओं का सामना करने के लिए आंतरिक बल को बड़ाने की ज़रूरत होती है | ऐसे में मानसिक परिवर्तन की आवश्यकता है जो कि अध्यात्मिकता द्वारा ही संभव है | स्वस्थ शरीर के साथ साथ मन भी स्वस्थ रहे, महिलाएं इसका विशेष ध्यान रखें |
हरियाणा राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रवक्ता नम्रता गौड़ ने अपने वक्तव्य में महिला सुरक्षा से संबन्धित कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले किसी भी परेशानी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1091 पर फोन करें |महिलाएं अपने संपत्ति में, समान कार्य समान वेतन, गुज़ारा भत्ता जैसे अधिकार तथा महिला थानों की भूमिका को समझे |
महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ वर्धमान हस्पताल की डाक्टर संगीता ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य की परिभाषा देते हुए बताया कि मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना वास्तविक स्वास्थ्य होता है | महिलाओं को जिन मुख्य तीन बातों पर ध्यान देना चाहिए वो है व्यायाम, खाना और आराम | व्यायाम में सैर, योग, प्राणायाम ; खाने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और आठ घंटे आराम ज़रूरी है |
महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार रखते हुए उत्तरी रेलवे अंबाला डिवीज़न की डी सी एम रीतिका वशिष्ठ ने कहा कि ब्रहमाकुमारिज महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है | बहनों द्वारा चलाई जाने वाली विश्व व्यापी संस्था महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सक्रियता से सराहनिय योगदान दे रही है | महिलाओं को जागरुक रह अपने अधिकारों को जानना चाहिए | स्त्री ही अच्छे परिवार एवं समाज की स्थापना कर सकती है |
दयाल बाग स्थित ब्रह्माकुमारीज़ सेवा केंद्र की सह संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने अपने वक्तव्य मे कहा कि भारत ही ऐसा देश है जिसके साथ माता शब्द का प्रयोग होता है |स्वर्णिम दुनिया मे भी पहले लक्ष्मी फिर नारायण, पहले सीता फिर राम, पहले राधे फिर कृष्ण पुकारा जाता था | आज भी महिलाओं के नाम के बाद देवी लगाना प्रतीक है नारी के महत्व का | तीन विशेष गुण रहम, सहनशीलता तथा त्याग वृति नारी को और भी महान बनती है |परमात्मा भी धरा पर आकर पहले माता रूप से ही सबकी पालना करते | इन्ही सभी बातों को मन मे रख कभी भी महिला स्वयम को कमजोर ना समझे |