- ज्ञान सरोवर में न्यायविद प्रभाग का अखिल भारतीय जूरिस्ट सम्मेलन आयोजित
शिव आमन्त्रण, माउंट आबू (राजस्थान)।ब्रह्माकुमारीज़ के ज्ञान सरोवर में न्यायविद प्रभाग द्वारा अखिल भारतीय जूरिस्ट सम्मेलन का आयोजन किया गया।आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा न्यायविदों का उत्कर्ष विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से न्यायाधीश, वरिष्ठ एडवोकेट और न्याय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि जो हमारे पास होगा, हम दुनिया को वही दे पाएंगे। बिना किसी भेदभाव के हमें सभी को शुभ भावना- शुभकामना देनी है। हम सभी देखते हैं की देवताएं हमेशा देने की मुद्रा में अपना हाथ सामने रखते हैं। देवताओं के इसी दातापन के कारण पूरी दुनिया में उनकी पूजा होती है। जूरिस्ट विंग की अध्यक्ष बीके पुष्पा दीदी ने कहा कि सशक्तिकरण के लिए आध्यात्मिकता की अनिवार्यता है। आध्यात्मिकता के माध्यम से ही कोई भी अपने जीवन को मूल्यवान बना कर न्याय प्रदान कर पाएगा। ओडिशा हाईकोर्ट के जज बीडी सारंगी ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए ज्यूडिशियल सिस्टम का सशक्तिकरण होना चाहिए। मैं अनुरोध करता हूं कि न्यायविदों को समयबद्धता का पालन करना चाहिए। तब लोगों का उन पर विश्वास बढ़ेगा। न्यायविदों को हर प्रकार के माया और मोह से खुद को दूर रखना चाहिए। एम्पॉवरमेंट की यह पहली शर्त होगी। विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर बीके लता बहन ने मेहमानों का स्वागत किया। जूरिस्ट विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर डॉ. रश्मि ओझा ने कहा कि जब इंसान आध्यात्मिक रूप से सशक्त होता है, तभी वह जस्टिस कर पाता है। अन्यथा गलतियां होती रहती हैं। सफलता के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण जरूरी है। आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. ईश्वरैया ने कहा कि भारत के संविधान का लक्ष्य है सभी को सामाजिक न्याय देना। अब जूरिस्ट सामाजिक न्याय किस प्रकार से दे सकेंगे? जब तक सभी आध्यात्मिक रूप से मजबूत नहीं होंगे, ऐसा नहीं हो पाएगा। आत्मा ही सभी कर्मेन्द्रियों को संचालित कर रही है। अतः आत्मा को सशक्त और जाग्रत करके ही हम संसार को सामाजिक न्याय दे पाएंगे। मप्र हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ के पूर्व न्यायाधीश बीडी राठी, पंकज घीया ने भी संबोधित किया। संदीप अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मुख्यालय संयोजिका बीके श्रद्धा बहन ने संचालन किया।