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भाई-बहनों की त्याग, तपस्या, सेवा और साधना का यह सम्मान है - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
भाई-बहनों की त्याग, तपस्या, सेवा और साधना का यह सम्मान है

भाई-बहनों की त्याग, तपस्या, सेवा और साधना का यह सम्मान है

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-बीके राज दीदी और बीके पवन भाई को डॉक्टर्स ऑफ लेटर्स की मानद उपाधि से नवाजा
– मणिपुर अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने प्रदान की उपाधि

शिव आमंत्रण,आबू रोड। 
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के शांतिवन स्थित डायमंड हाल में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें मणिपुर अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा आध्यात्मिकता, नेतृत्व एवं सामाजिक कार्य में उल्लेखनीय कार्य करने पर ब्रह्माकुमारीज़ की नेपाल की जोनल निदेशिका बीके राज दीदी और यूएसए के वरिष्ठ राजयोगी बीके पवन भाई को डॉक्टर्स ऑफ लेटर्स की मानद उपाधि से नवाजा गया। आप दोनों को यह उपाधि आध्यात्मिकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने और व्यापक स्तर पर आपके द्वारा लोगों के जीवन परिवर्तन को देखते हुए यह उपाधि प्रदान की गई है।
मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि आज यह सम्मान भाई-बहनों की त्याग, तपस्या, सेवा और साधना का सम्मान है। हजारों बहनों ने परमात्म आज्ञा पर अपने आप को अर्पण कर दिया यह उनके त्याग को दिखाता है। मानवता की सेवा के लिए ऐसा त्याग अपने आप में बड़ी बात है।
इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि संस्थान में हजारों ऐसी बहनें हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता के कल्याण और सेवा में झोंक दिया है। आप सभी के जीवन का एक ही लक्ष्य है विश्व शांति और विश्व परिवर्तन।

खुद को भाग्यशाली समझ रहा हूं-
मणिपुर अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन लोकेंद्र सिंह ने कहा कि आज आप दोनों महान विभूतियों को यह उपाधि प्रदान करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। खुद को भाग्यशाली समझ रहा हूं। कार्यकारी सचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने कहा कि बीके राज दीदी ने मानवता की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया। आपके नेतृत्व में पूरे नेपाल में भारतीय पुरातन संस्कृति अध्यात्म एवं राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा जन-जन को दी जा रही है। हजारों लोगों का जीवन आपकी सेवा से बदला है।

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