– नेशनल पेंटिंग कॉम्पटीशन एवं वर्कशॉप के समापन पर कलाकारों को किया गया पुरस्कारों से सम्मानित
– 300 कलाकारों ने दिखाई अपनी प्रतिभा, चार विधाओं में तीन चयनित पेंटिंग्स के कलाकारों को किया पुरस्कृत
– 20 कलाकारों को उत्कृष्ट कलाकारी पर दिया गया सांत्वना पुरस्कार
शिव आमंत्रण,2 अक्टूबर, आबू रोड/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मनमोहिनीवन परिसर में आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के तहत चल रही नेशनल पेंटिंग कॉम्पटीशन एवं वर्कशॉप का समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में चार विधाओं में तीन-तीन सबसे बेस्ट पेंटिंग्स का चयन निर्णायक मंडल द्वारा किया गया। इस आधार पर 12 प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले कलाकारों का सम्मान किया गया। इस नेशनल पेंटिंग कॉम्पटीशन में देशभर से जाने-माने कलाकारों ने भाग लिया।
समापन कार्यक्रम में संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कलाकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि परमात्मा का परम कलाकार कहा जाता है। कला परमात्मा की देन है। कला में वह ताकत होती है जिस बात को हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं उसे कला के माध्यम से अभिव्यक्त कर सकते हैं। कलाकार एक साधक भी होता है, क्योंकि बिना साधना के कला संभव नहीं है। इसमें असीम धैर्य के साथ लगन, जुनून का होना जरूरी है।
कॉम्पटीशन में कलाकारों ने संस्थान के संस्थापक ब्रह्मा बाबा, पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी, राजयोगिनी दादी जानकी, राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि और वर्तमान मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी की पोर्टेट, स्वर्णिम भारत, भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक भारत का योग चक्र को बड़ी ही बारीकी से बखूबी उकेगा। इन पेंटिंग्स को देखकर ऐसा लग रहा था मानो वह जीवंत हो उठीं हों।
300 कलाकारों ने लिया भाग-
प्रतियोगिता में लगभग 300 चित्रकारों ने भाग लिया। सभी कलाकारों ने चार विषयों पोट्रेट पेंटिंग, स्वर्णिम भारत, कल्चरल हेरिटेज ऑफ इंडिया और स्प्रिचुअल इंडिया पर रंगों के माध्यम से अपने विचारों को बहुत ही सुंदर रुप में प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने बहुत सराहा।
इन्होंने निभाई जज की भूमिका-
इस प्रतियोगिता में सभी चार थीम पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले तीन विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। साथ ही 20 बेस्ट पेंटिंग्स बनाने वाले कलाकारों को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जज के रूप में दिल्ली से संगीता राज, बड़ौदा से अतुल पडिया और कोलकाता से ब्राटिन खान ने भूमिका निभाई।
इन चार थीम के आधार पर किया सिलेक्शन-
1. स्प्रिचुअल इंडिया थीम-
प्रथम पुरस्कार महाराष्ट्र मुंबई के देवेंद्र शंकरराव को, द्वितीय यूपी मेरठ से अंश सुल्तान और तृतीय पुरस्कार हैदराबाद से माडीलेठी कूरवा को प्रदान किया गया।
2. कल्चरल हेरिटेज इंडिया थीम-
प्रथम पुरस्कार प्राइमबलूर के अजीत शेट्टी, द्वितीय थलाईवशाल के आर शिवासेलन और तृतीय पुरस्कार चेन्नई की डायना सतीश को प्रदान किया गया।
3. स्वर्णिम भारत थीम-
प्रथम पुरस्कार आगरा के पलास अवस्थी, द्वितीय दिल्ली के पंकज हरजाई तथा तृतीय गुलबर्गा के राजशेखर समाना को प्रदान किया गया।
4. पोट्रेट थीम-
प्रथम विजेता गोवा से अंकिता नायक, द्वितीय चित्तौडग़ढ़ से सतीश विश्वकर्मा और तृतीय विजेता चित्तौडग़ढ़ से मुकेश विश्वकर्मा रहे।
इन कलाकारों को भी सांत्वना पुरस्कार दिया गया-
आरंग से गौरव कुमार पटेल, रायपुर से अभिलाष देवांग, भावनगर से विपिन दवे, कोटा से शैलेंद्र कुमार जोशी, अहमदाबाद से मुकेश कुमार पटेल, दिल्ली से हरीश यादव, दिल्ली से सुमन, श्रीगंगानगर से साहिल, भिलाई से चित्रा, पुणे से गोपाल, इटावा से सत्यम, रेवाड़ी से कपिल, सूरत से ढोलकिया मुकेश, औरंगाबाद से प्रकाश बालाजी, कालाबुरागी से नागराज, नवी मुंबई से पूजा, नोएडा से अंजुम परवीन, थाने से नेहा, अहमदाबाद से तेजस्वी और उदयपुर से रितिक की बेहतर पेंटिंग पर सम्मानित करते हुए सांत्वना पुरस्कार दिया गया।