- देशभर से संस्थान से जुड़े वरिष्ठ ब्रह्माकुमार भाई पहुंचे हैं शांतिवन
- 20 साल से ईश्वरीय सेवाएं कर रहीं ब्रह्माकुमारी बहनों का योग-साधना शिविर जारी
शिव आमंत्रण / आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ और राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग की ओर से चलाए जा रहे अखिल भारतीय नशा मुक्ति अभियान को लेकर देशभर में उत्साह के साथ कार्यक्रमों और नशामुक्ति की प्रतिज्ञाओं का आयोजन जारी है। शांतिवन में योग-साधना शिविर में देशभर से पहुंचे वरिष्ठ ब्रह्माकुमार भाई बहनों को अपने-अपने क्षेत्र में तेजी के साथ नशामुक्त भारत अभियान को गति देने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को नशामुक्त करने के प्रति दृढ़ संकल्पित होकर सेवाएं देने की प्रतिज्ञा कराई गई। इस दौरान वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शारदा दीदी ने सभी को प्रतिज्ञा कराई कि हम सभी ब्रह्माकुमारी बहनें और भाई जनमानस को नशा मुक्त होने की प्रेरणा देकर उन्हें दृढ़तापूर्वक नशामुक्त बनाकर भारतवर्ष का परिवर्तन करेंगे। जहां हर नर-नारी वृद्ध युवा बाल बच्चे मानसिक और शारीरिक दृष्टि से संपूर्ण स्वास्थ्य, समृद्धि- सुख शांतिमय जीवन बनाते हुए नशा मुक्त समाज का निर्माण करेंगे। ऐसा हम परमपिता परमात्मा की साक्षी में दृढ़ प्रतिज्ञा करते हैं कि हम भारत को पुनः स्वर्ग भूमि देवभूमि बनाएंगे।
20 साल से ईश्वरीय सेवाएं कर रहीं बहनों का शिविर जारी-
सावन मास में शांतिवन मुख्यालय में अलग-अलग ग्रुप में ब्रह्माकुमार भाई-बहनों के लिए योग-साधना शिविर चल रहे हैं। इसी कड़ी में देशभर से पहुंचीं 20 साल से सेवाएं कर रहीं ब्रह्माकुमारी बहनों का योग-साधना शिविर जारी है। योग-साधना शिविर के दूसरे दिन मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने पहुंचकर सभी बहनों से कुशलक्षेम जानी। संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी ने कहा कि अध्यात्म का मतलब है आत्मा-परमात्मा का संपूर्ण अध्ययन। जब तक हम राजयोग की गहराई में नहीं जाएंगे। अपने आप का निरीक्षण, परीक्षण और समीक्षा नहीं करेंगे तो हमारे संस्कार दिव्य और महान नहीं बनेंगे। बदलाव की शुरुआत खुद से होती है।
बदलाव की शुरुआत खुद से होती है…
शिविर में ओआरसी गुरुग्राम की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके आशा दीदी ने कहा कि आप बहनों का जीवन इतना ऊंच-महान और दिव्य हो कि लोग आपको देखकर बदल जाएं। आपकी योग-साधना देखकर उनमें परमात्मा के प्रति प्रेम जागृत हो, दया-करुणा का भाव जागृत हो। आपके शांति के शुभ संकल्पों से लोगों को प्रेरणा मिले। जब हमारा जीवन ऊंच, महान, दिव्यता से परिपूर्ण होगा तो हमें देखकर लोगों में सकारात्मक बदलाव आएगा। राजयोग का ज्ञान प्रयोग का ज्ञान है। जितना हम राजयोग का प्रयोग अपने दैनिक जीवन में करेंगे हमारी आत्मिक अवस्था, हमारा मन,बुद्धि दिव्य होती जाएगी। वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ऊषा दीदी ने कहा कि एक ओर जहां युवा पीढ़ी भौतिकता की चकाचौंध में डूबी है, वहीं आप सभी बहनें योग-साधना के मार्ग पर चलकर भारत को स्वर्णिम बनाने के महान लक्ष्य को लेकर चल रही हैं। इसलिए हमारा लक्ष्य जितना महान, ऊंच होता है तो हमें मेहनत भी उतनी ही करनी होती है। साधना में अपने आप को इतना तपा लें कि आपके संकल्प स्वत: सिद्ध होने लगेंगे। जितना परमात्मा से योग करेंगे हमारी आत्मा उतनी शक्तिशाली बनती जाएगी।