- आज तंबाकु उद्योग हर तरह से युवाओं को कर रहा टारगेट।
- राजयोगी जीवन ही युवाओं को कुमार्ग-कुसंग से मुक्त कर सकता है।
- 80 लाख लोग हर साल नशा चक्रव्यूह में फंस जान गंवाते।
शिव आमंत्रण / आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ और राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग की ओर से चलाए जा रहे अखिल भारतीय नशा एवं तम्बाकू मुक्त युवा अभियान प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने युवाओं की जागृति के लिए विशेष आयोजन रखा। आज तंबाकु उद्योग कैसे युवाओं को टारगेट कर रहा है। इस विषय पर अपना संबोधन करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रवीण सिन्हा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), दिल्ली ने कहा कि यह राज की बात मैं अपने वीडियो प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताता हूं जिस बात को हर कोई नहीं समझ पाता।
समय बदला, जमाना बदला, सालों बीत गए पर कहानी वही है
नशा तंबाकु युवाओं को लुभाती है, ललचाती है, लोगों को अपना शिकार बनाती है। हर साल 80 लाख लोग मौत के इस कुंए में गिरकर समय से पहले इसका शिकार बनते हैं। तंबाकु को अब कंपनियां एक स्वस्थ्य विकल्प भी बताती है ताकि 80 लाख लोग इस चक्रव्यूह में फंस कर जान गंवा बैठें। उन्हें यह फर्क नहीं पड़ता कि उनका नया शिकार कौन है। उनका शिकार छोटे बच्चे भी होते हैं। बड़ी-बड़ी तंबाकु उत्पादक कंपनीयां का एक ही उद्देश्य है बच्चों और युवाओं को इस जहर का शिकार बनाना।
शिव गांजा भांग पीया तो हम क्यों नहीं पी सकते
डॉ प्रताप मिढ़ा, माउंट आबू, उपाध्यक्ष, मेडिकल विंग ने कहा कि हम सब समझते हैं कि तंबाकु नुकसानदेह लेकिन लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते, इसलिए कि सबको लगता है कि यह समाज में सहज स्वीकारता हो गया है। एक ने हमें कहा शिव गांजा भांग पीया तो हम क्यों नहीं पी सकते। सभी आये अतिथि के लिए स्वागत भाषण डॉ. बनारसीलाल साह, माउंट आबू सचिव, मेडिकल विंग ने किया। डॉ सचिनपरब संयुक्त सचिव, मेडिकल विंग ने कहा कि आज फिल्मों, गानों और कई पद्मश्री अवार्ड लिया हुआ अभिनेता तंबाकु और जैसी चीजों को सेरोगेट एडवरटाइज कर प्रमोट कर रहे हैं।
लक्ष्यविहिन होने के कारण लोग बुराई की ओर प्रभावित हो जाते हैं
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका राजयोगिनी बीके ऊषा ने कहा कि कोई भी इंसान व्यसनों की तरफ आत्म शक्ति की कमी के कारण मुड़ता है। और इसके साथ जीवन का लक्ष्य स्पष्ट नहीं हो तो इस ओर मुड़ जाते हैं। लक्ष्यविहिन होने के कारण लोग बुराई की ओर प्रभावित हो जाते हैं। जब तक रिलाईज हो तब तक देर हो जाती है तथा कदम पीछे करना आसान नहीं होता है। इसलिए ऐसे लोगों को परिवर्तीत करने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में सबका धन्यवाद ज्ञापन डॉ एस.एन. धौलपुरिया नोडल अधिकारी, एनटीसीपी, राजस्थान ने किया।